Akshaya Tritiya 2022: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 03 मई को है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का अर्थ है, वह तृतीया तिथि जिसका क्षय न हो, अर्थात् इस दिन प्राप्त किए गए पुण्य, फल, धन आदि का क्षय नहीं होता है। इस दिन आप जो भी चीज प्राप्त करेंगे, वह खत्म नहीं होगा, वह अक्षय रहेगा, उसका ह्रास नहीं होगा। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर सोना चांदी की खरीदारी के महत्व और मुहूर्त के बारे में।
अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी की खरीदारी
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का विशेष धार्मिक महत्व है। इस तिथि को ब्रह्म देव के पुत्र अक्षय कुमार की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं। इस तिथि को गंगा अवतरण और परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जो सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को खरीदे गए आभूषण, सोना, चांदी आदि अक्षय रहते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से प्राप्त धन स्थिर रहता है, उसमें कमी नहीं होती है। वह स्वयं उसमें वृद्धि करती हैं।
इस वजह से अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर सोना, चांदी खरीदना शुभ और समृद्धिदायक माना जाता है, इसलिए हर साल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के अवसर पर लोग सोना, चांदी, भवन, वाहन, प्लॉट, फ्लैट या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी करते हैं, ताकि उनके धन एवं संपत्ति में अक्षय वृद्धि होती रहे।
अक्षय तृतीया 2022 पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 03 मई दिन मंगलवार को सुबह 05:18 बजे से लग रही है, जो 04 मई को सुबह 07:32 बजे तक मान्य है। यदि आपको इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी है, तो शुभ मुहूर्त सुबह 05:39 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक है।
अक्षय तृतीया 2022 खरीदारी मुहूर्त
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) एक ऐसा दिन है कि आप बिना मुहूर्त का विचार किए खरीदारी या कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते हैं क्योंकि पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन आप किसी भी समय में विवाह, सगाई कर सकते हैं और सोना, चांदी, आभूषण, मकान, वाहन या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया का महत्व
पद्म-पुराण में भगवान विष्णु देवर्षि नारद से कहते हैं कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर मृत्यु लोक में प्राणी जो भी कार्य करेगा, वह अक्षय रहेगा अर्थात् कर्म एवं भाव के अनुसार फल की प्राप्ति होगी। अतः हे,देवर्षि! कुकृत्य एवं मिथ्या भाषण से मानव को इस दिन दूर रहना चाहिए।

