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AI Technology in Schools: शिक्षा मंत्रालय का ये बड़ा एलान,अब तीसरी क्लास से ही बच्चे सीखेंगे AI

AI Technology in Schools: अब स्कूल में तीसरी क्लास का बच्चा भी मोबाइल चलाने से पहले AI समझेगा. दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे एजुकेशन सिस्टम में बदलाव आने की उम्मीद है. बता दें कि अब कक्षा 3 से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई कराई जाएगी. इसका मतलब यह है कि जो बच्चे अभी एबीसीडी सीख रहे हैं, वे जल्द ही ये समझने लगेंगे कि रोबोट कैसे सोचता है. मशीनें कैसे बात करती हैं और टेक्नोलॉजी से दुनिया को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है.

क्या है शिक्षा मंत्रालय की प्लानिंग?

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L) के मुताबिक, आज की दुनिया में AI सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि भविष्य का आधार है. अगर बच्चे शुरू से ही इसे समझ लें तो न सिर्फ उनकी सोच बढ़ेगी, बल्कि वो नई-नई चीजें बनाने में भी माहिर हो जाएंगे.

क्या है यह नया कोर्स?

इस प्रोजेक्ट का नाम AI & Computational Thinking (AI & CT) रखा गया है. आसान भाषा में कहें तो यह कोर्स बच्चों को टेक्नोलॉजी की मदद से सोचना, समझना और समस्याओं का हल निकालना सिखाएगा. मसलन, अगर किसी बच्चे से पूछा जाए कि रोबोट को कैसे चलाएं तो वह सिर्फ बटन दबाना नहीं सीखेगा, बल्कि यह समझेगा कि रोबोट के अंदर क्या चल रहा है. मंत्रालय ने साफ कहा है कि AI को सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि समाज के भले के लिए इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा.

कब से शुरू होगा?

2026-27 सत्र से पूरे देश के स्कूलों में यह कोर्स लागू हो जाएगा.
शुरुआत कक्षा 3 से होगी, फिर हर साल एक-एक क्लास में बढ़ता जाएगा.
दिसंबर 2025 तक किताबें, हैंडबुक, वीडियो और डिजिटल सामग्री तैयार हो जाएगी.
शिक्षकों की ट्रेनिंग NISHTHA और दूसरे संस्थानों के जरिए भी शुरू हो चुकी है.
कौन बना रहा है कोर्स?

इस पूरे प्रोजेक्ट को तैयार करने में CBSE, NCERT, KVS, NVS और सभी राज्य सरकारें साथ मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन सबसे खास बात यह है कि कोर्स की कमान IIT मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमण के हाथ में है. उनकी अगुवाई में एक खास विशेषज्ञ टीम पाठ्यक्रम बना रही है. यह कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF SE 2023) के हिसाब से तैयार किया जा रहा है.

क्यों जरूरी है यह कदम?

आज भारत का टेक्नोलॉजी सेक्टर दुनिया में नंबर वन बनने की राह पर है. 2025 में भारत का AI मार्केट 17 बिलियन डॉलर का हो चुका है, और 2030 तक यह 100 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा. शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि अगर बच्चे अभी से AI सीख लें तो वे सिर्फ यूजर नहीं, बल्कि क्रिएटर बनेंगे. नई नौकरियों जैसे AI इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, रोबोटिक्स एक्सपर्ट के अवसर बनेंगे. गांव-गांव तक टेक्नोलॉजी पहुंचेगी.

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