corona in SOUTH AFRICA, THREAT TO WORLD

दिल्ली में 28 प्रतिशत घरों में किसी न किसी सदस्य को फ्लू के लक्षण

राष्ट्रीय राजधानी में किए गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 28 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक सदस्य फ्लू जैसे लक्षण (flu-like symptoms) से पीड़ित दिख रहे हैं. यह सर्वेक्षण (Survey) लोकलसर्किल द्वारा ऑनलाइन किया गया था और इसमें 7,697 व्यक्तियों के उत्तरों को आधार बनाया गया है.

हिन्दुस्तार टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में भाग लेने वालों से उनके घरों में वर्तमान में बुखार, नाक बहना, खांसी, सिरदर्द या शरीर में दर्द जैसे फ्लू के लक्षणों वाले व्यक्तियों की संख्या के बारे में पूछा गया था.सवाल के जवाब में, दिल्ली के 6 प्रतिशत निवासियों ने कहा कि उनके घर में वर्तमान में फ्लू जैसे लक्षणों वाले ‘चार या अधिक व्यक्ति’ हैं, जबकि 11 प्रतिशत ने कहा कि उनके यहां समान लक्षणों वाले दो-तीन व्यक्ति हैं.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 11 प्रतिशत अन्य व्यक्तियों ने कहा कि ऐसे लक्षणों के साथ केवल एक व्यक्ति है. सर्वेक्षण में शामिल दिल्ली के अधिकांश 72 प्रतिशत निवासियों ने कहा कि उनके घर में किसी को भी फ्लू जैसे लक्षण नहीं हैं. इसमें कहा गया है कि कुल मिलाकर, दिल्ली के 28 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक सदस्य हैं जो वर्तमान में फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित हैं.

कोरोनावायरस बीमारी की संभावित तीसरी लहर की आशंका के बीच फ्लू के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की हालिया बैठक में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि फ्लू और कोविड -19 के समान लक्षण हैं और दिल्ली सरकार को फ्लू के मौसम में कोरोनावायरस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जोरदार परीक्षण जारी रखना चाहिए.

सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि अस्पतालों में प्रतिदिन वायरल संक्रमण के कम से कम 50-60 मामले सामने आ रहे हैं, और बड़े पैमाने पर शहर में अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक वर्षा के साथ बदलते मौसम के लक्षणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने जुलाई में इसी तरह का एक और सर्वेक्षण किया था, जिसमें शामिल 28 प्रतिशत व्यक्तियों ने कहा था कि वे तीसरी लहर की मडराती आशंका के बीच अगस्त और सितंबर के दौरान यात्रा करने की योजना बना रहे हैं.

उस सर्वेक्षण में 18,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जो 311 जिलों में रहते हैं. इनमें से 68 प्रतिशत पुरुष और शेष महिलाएं थीं. बता दें कि लोकलसर्किल एक ऐसा मंच है जो नागरिकों और संगठनों को एक-दूसरे से जुड़ने और सामूहिक मुद्दों, चुनौतियों, समाधानों, अवसरों, वृहद या सूक्ष्म स्तरों पर नब्ज को समझने की अनुमति देता है.

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