26/11 हमले पर मनीष तिवारी का बड़ा दावा- मनमोहन सिंह ने नहीं की PAK पर कार्रवाई, बीजेपी बोली-निठल्ली थी कांग्रेस सरकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की किताब (Salman Khurshid New Book) पर कुछ दिन पहले छिड़े सियासी विवाद के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Congress MP Manish Tewari) की नई किताब भी सुर्खियों में है. तिवारी ने मंगलवार को अपनी नई किताब के एक अंश का खुलासा कर अपनी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है. इसमें उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों (26/11 Mumbai Terror Attacks) को लेकर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर विवादित टिप्पणी की है. तिवारी 2008 हमलों को लेकर कहा कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ जिस मजबूती से कार्रवाई करनी चाहिए थी वह नहीं की गई. तिवारी के इस बयान को लेकर अब भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.

मनीष तिवारी की किताब का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार को 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद जिस प्रकार की मजबूत जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी, वैसी नहीं की और राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखा. पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि इससे साबित होता है कि कांग्रेस की सरकार ‘‘निकम्मी’’ थी.

मीडिया में छपी खबरों के अनुसार तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘‘10 फ्लैश प्वाइंट्स, 20 इयर्स-नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन दैट इम्पैक्टेड इंडिया’’ में ‘‘भारत के 9/11 (मुंबई में आतंकवादी हमले) के बाद के दिनों में त्वरित कार्रवाई’’ नहीं करने के लिए पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना की है. गौरतलब है कि 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में आतंकवादी हमले हुए थे. आतंकवादियों ने दो अमेरिकी यात्री विमानों को न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दो गगनचुंबी इमारतों से टकरा दिया था. इस हादसे में हजारों लोगों की मौत हुई थी.

भाटिया ने कहा कि मनीष तिवारी की पुस्तक में जो तथ्य सामने आए हैं, उसे कांग्रेस की ‘‘विफलता का कबूलनामा’’ कहना ही उपयुक्त होगा. उन्होंने कहा, ‘‘इस पुस्तक का सारांश है कि संयम शक्ति की निशानी नहीं है. मुंबई हमले के समय संयम कमजोरी माना जा सकता है. भारत को उस समय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, जब कांग्रेस की विफलताओं का यह कबूलनामा पढ़ा तो हर भारतीय की तरह हमें भी बड़ी पीड़ा हुई.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस तथ्य के बाद आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस की जो सरकार थी, वह निठल्ली और निकम्मी थी. राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उसे चिंता नहीं थी.’’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी ने स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था.

पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के सांसद तिवारी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उनकी पुस्तक जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी.

भाटिया ने इस प्रकरण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए सवाल उठाया कि उस समय भारतीय सेना को अनुमति और खुली छूट क्यों नहीं दी गयी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुमति मांग रही थी कि हम पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे. लेकिन उन्हें अनुमति क्यों नहीं दी गई?’’

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से मुंबई के विभिन्न इलाकों में घुस गए थे और उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी शुरू कर दी थी. इस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे.
इस आतंकवादी हमले में एकमात्र जिंदा बचे अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे चार साल बाद 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी.

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