Hanumangarh News

हनुमानगढ़ में इथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का बवाल, माहौल गरम

Hanumangarh Farmers Protest: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में बीते दिनों भड़की हिंसा के बाद अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. हालांकि टिब्बा कस्बे के कई इलाकों में एहतियातन पुलिस की कड़ी चौकसी जारी है और इंटरनेट सेवा अभी भी बहाल नहीं की गई है. ग्रामीणों और किसान संगठनों का विरोध जारी है और आज सुबह 11 बजे महापंचायत बुलाई गई है.

पुलिस की कड़ी निगरानी, लगाई गई बैरिकेडिंग
इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में बुलाई गई महापंचायत को लेकर टिब्बी कस्बे को सुबह से ही छावनी में तब्दील कर दिया गया था. कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया और आने जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए. बाजार को बंद करवाया गया. इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई. फैक्ट्री हटाओ क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में पिछले 15 माह से चल रहा यह आंदोलन बुधवार को महापंचायत के बाद उग्र हो गया. एसडीएम कार्यालय के सामने सभा के बाद भीड़ सीधे निर्माणाधीन प्लांट की ओर बढ़ी और दीवार तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए.

हिंसा के बाद प्रशासन किसी भी नए विवाद को रोकने के लिए सख्त मोड में है. जिस जगह महापंचायत होनी है, उसके आसपास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है. फैक्ट्री के बाहर भी बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को तुरंत रोका जा सके. स्थानीय लोग बताते हैं कि बाजार खुल चुके हैं और आम जनजीवन सामान्य हो रहा है, लेकिन माहौल अभी पूरी तरह शांत नहीं कहा जा सकता.

इंटरनेट बंद, लोगों की परेशानी बढ़ी
टिब्बा कस्बे में इंटरनेट सेवा बहाल नहीं होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों से लेकर कारोबारियों तक सभी को ऑफलाइन रहकर काम करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा है, तब तक इंटरनेट बंद रखने की जरूरत नहीं है. वहीं प्रशासन का कहना है कि अफवाहें फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है.

किसान संगठन महापंचायत को लेकर अड़े
इथेनॉल प्लांट के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठन और विपक्षी दलों के कार्यकर्ता आज की महापंचायत करने पर अड़े हुए हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक जिला प्रशासन लिखित समझौता नहीं करता, तब तक आंदोलन वापस लेना या सभा रद्द करना संभव नहीं है. किसानों की मुख्य मांग है कि प्लांट के कारण आसपास के गांवों की जमीन, पानी और पर्यावरण पर बुरा असर न पड़े, इसके लिए पुख्ता गारंटी दी जाए.

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