Coronavirus के कहर से बचने के लिए भारत ने अबतक का बड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार ने बुधवार को दुनिया के सभी देशों के लिए जारी वीज़ा को रद्द कर दिया है। ये वीज़ा अभी 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया गया है, यानी दुनिया का कोई भी नागरिक Coronavirus की वजह से भारत में नहीं आ पाएगा। हालांकि, अगर कोई भारतीय वापस आना चाहता है तो उसे स्क्रीनिंग करवानी होगी और 14 दिनों तक निगरानी में रहना होगा।
तेजी से फैल रहे Coronavirus से निपटने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अहम फैसला किया है। एक के बाद एक स्वास्थ्य और विमानन मंत्रालय ने कई नोटिफिकेशन जारी किए हैं। इसके अमल के बाद भारत अगले एक महीने तक पूरी दुनिया से खुद को अलग-थलग कर लेगा। मकसद मैन टू मैन कॉन्टैक्ट से फैल रहे वायरस पर कंट्रोल करना है। भारत सरकार के फैसले के कुछ देर बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस (Covid-19)को महामारी घोषित कर दिया।
भारत सरकार ने दुनिया के किसी भी देश से आने वाले लोगों का वीजा 15 अप्रैल तक सस्पेंड कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े कर्मचारियों, कूटनीतिक मामलों और सरकारी प्रॉजेक्ट से जुड़े अहम अधिकारियों पर ये बैन लागू नहीं होगा। इसके अलावा और कोई देश में दाखिल नहीं हो सकता। ओवरसीज सिटिजन्स ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड धारकों को मिल रही सुविधा भी 15 अप्रैल तक खत्म कर दी गई है। ये फैसला अमल में आने के बाद पर्यटन या साधारण आधिकारिक कामकाज के लिए भारत आना मुश्किल हो जाएगा। अगर कोई इमरजेंसी जैसी स्थिति है तो भारतीय मिशन से विशेष अनुमति लेनी होगी।
बुधवार शाम स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने Covid-19 की स्थिति की समीक्षा की। इसमें भारत और बाकी दुनिया में कोरोना के मामलों पर चिंता जताई गई। अब ये वायरस 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। भारत में भी संक्रमित लोगों की संख्या 50 के पार चली गई है। इसलिए बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए तय किया गया कि बड़ी आबादी को बचाने के लिए भारत खुद को दुनिया से अलग-थलग कर लेगा। सरकार के सारे फैसले 13 मार्च की आधी रात से लागू होंगे। बुधवार को भारत में Coronavirus के दस नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ कर 60 हो गई।