बड़ा बैंक घोटाला, CBI ने दर्ज की FIR

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की फेहरिस्त हुई लम्बी एक और बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है। BANK OF INDIA के कानपुर जोन से शिकायत मिलने के बाद CBI ने FIR दर्ज करते हुए दिल्ली, मुंबई और कानपुर में कुल 13 स्थानों पर छापा मारा। आरोप है कि फ्रॉस्ट इंटरनेशनल नाम की मुंबई स्थित कंपनी ने बैंकों के कंसोर्टियम को कुल 3592 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। फ्रास्ट इंटरनेशनल ने बैंक से मिली कर्ज की सुविधा का लाभ उठाते हुए धन को अपनी ही दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर लिया। कर्ज की अदायगी नहीं होने के कारण 2019 में यह एनपीए में तब्दील हो गया।

CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें शनिवार को BANK OF INDIA, कानपुर के जोनल मैनेजर की ओर से इस घोटाले की जानकारी मिली और कार्रवाई की मांग की गई। इसके बाद रविवार को आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर मंगलवार को आरोपियों के सभी ठिकानों की तलाशी ली गई। CBI ने छापे में घोटाले से संबंधित अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है।

CBI की FIR के अनुसार 1995 में बनी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल को 1996 से ही बैंक आफ इंडिया से कर्ज की सुविधा हासिल थी, जो धीरे-धीरे बढ़कर 380 करोड़ रुपये हो गई थी। लेकिन 2011 में बैंक आफ इंडिया के नेतृत्व में 14 बैंकों के कंसोर्टियम की ओर कंपनी के कर्ज सुविधा की सीमा बढ़ाकर 4,061 करोड़ कर दिया गया। इसके बाद भी सबकुछ सामान्य रूप से चलता रहा। समस्या तब हुई जब जनवरी 2018 से लिये गए अदायगी रूक गई और धीरे-धीरे 3592 करोड़ रुपये का कर्ज NPA बन गया। कंपनी से व्यापार में घाटे का बहाना बनाकर कर्ज से पल्ला झाड़ लिया।

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