कोरोना (Coronavirus) मरीजों के इलाज में तेजी लाने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने शुक्रवार को जाइडस कैडिला की दवा विराफिन (Virafin) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस दवा का इस्तेमाल 18 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
कंपनी ने दावा किया है कि दवाई खाने के बाद 7 दिन में 91.15% कोरोना पीड़ितों का RT-PCR टेस्ट पॉजिटिव से निगेटिव हो गया। इसके इस्तेमाल से कोरोना मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है और बीमारी के एडवांस स्टेज में होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है।
इस दवा को भारत के 25 केंद्रों में करीब 250 मरीजों पर टेस्ट किया गया. इस दौरान यह देखा गया है कि Pegylated Interferon Alpha 2b के इस्तेमाल पर मरीजों को सप्लीमेंट ऑक्सीजन (Oxygen) की कम आवश्यकता महसूस हुई। इसका मतलब है कि ये दवा रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस और विफलता को कंट्रोल करने में सक्षम रही है, जो अभी तक COVID-19 मरीजों के इलाज में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रहा है।
गौरतलब है कि देश में अभी तक कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रेमेडिसिविर (Remedesivir) दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक एंटी-वायरल दवा है, जिसे इबोला महामारी के दौरान पहचान मिली थी। कथित तौर पर ये दवा शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकती है। हालांकि सरकार के मुताबिक, रेमडेसिविर लाइफ सेविंग दवा नहीं है। रेमडेसिविर पर WHO का कहना है कि ये गंभीर परिस्थितियों में असर नहीं करती। दवा के कई सारे साइड इफेक्ट हैं।