भारत-चीन के एलओसी पर जारी तनाव के बीच सैन्य तैयारियों का जायजा लेने शुक्रवार को रक्षामंत्री Rajnath Singh लद्दाख जाएंगे। वह लेह के उस अस्पताल जाएंगे जहां भारतीय सेना के जवान भर्ती है। साथ ही सैनिकों और कमांडरों से मिलेगें। बीते 5 मई को दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध के बाद यह रक्षा मंत्री का पहला लद्दाख दौरा होगा। जिसमें उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे रहेंगे।
सूत्रों ने बताया कि सिंह अपनी इस यात्रा में जनरल नरवणे, उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ सात सप्ताह से चल रहे गतिरोध के दौरान सैनिकों का मनोबल बढ़ाना है। सेना प्रमुख ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था जिस दौरान उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं और पूर्वी लद्दाख में अग्रिम क्षेत्रों का भ्रमण किया था। जनरल नरवणे ने इससे पहले 22 मई को लेह का दौरा किया था।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 7 सप्ताह से पूर्वी Ladakh क्षेत्र में कई जगहों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया। इस झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए लेकिन पड़ोसी देश ने अभी तक उनकी संख्या नहीं बताई है।
रक्षा मंत्री का Ladakh दौरा ऐसे समय में होगा जब भारत पूर्वी Ladakh क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अपने सैनिकों और शस्त्रों की तादाद बढ़ा रहा है। गलवान घाटी में संघर्षों के बाद सेना ने हजारों अतिरिक्त सैनिकों को सीमा पर अग्रिम क्षेत्रों में भेजा है और भारी हथियार भी पहुंचाए।
वायु सेना ने भी कई प्रमुख वायु सैनिक केंद्रों पर वायु रक्षा प्रणालियों और अच्छी खासी संख्या में लड़ाकू विमानों तथा हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है।