उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भटवाड़ी प्रखंड में स्थित द्रौपदी के डांडा-2 पर्वत शिखर पर हिमस्खलन में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के प्राचार्य अमित बिष्ट ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि दस शव दिखे हैं, जिनमें से चार को बरामद कर लिया गया है. वहीं बर्फ में दबे अन्य पर्वतारोहियों की तलाश देर शाम तक चलती रही, लेकिन फिर अंधेरा होने के कारण इसे कल सुबह तक के लिए रोक दिया गया.
कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि ‘निम’ के 34 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों और 7 प्रशिक्षकों की एक टीम वापस आते समय हिमस्खलन में फंस गई. उन्होंने कहा कि दस शव दिखे हैं, जिनमें से चार को बरामद कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि हिमस्खलन सुबह 8.45 बजे हुआ.
यह जगह समुद्र तल से 16 हजार फीट की उंचाई पर थी. काफी ऊंचाई होने की वजह से हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है. हिमस्खलन के बाद बचाए गए प्रशिक्षु पर्वतारोहियों को पहले माथली हैलीपैड लाया गया, जो 13 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित ITBP का कैंप है.
वहीं इस घटना की खबर मिलते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी. धामी ने एक ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों की एक टीम पहले ही बचाव अभियान शुरू कर चुकी है. मुख्यमंत्री धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात भी की और बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी.
उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि “जनहानि से दुखी हूं.’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के सीएम से बात करके हालात का जायजा लिया है. रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि पर्वतारोहियों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है, जो अभी भी फंसे हुए हैं.