उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही का आलम एक बार फिर देखने को मिल रहा है। जगह जगह भूस्खलन के चलते कम से कम 6 समेत अब तक कुल 8 लोगों के मारे जाने की खबरें आ चुकी हैं। इसके साथ ही रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई रिसॉर्ट्स पानी पानी हो चुके हैं, तो कई खाली किए जा रहे हैं। नैनीताल के रामगढ़ का एक पूरा इलाका जलमग्न होने से कई लोग डूब रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं, अल्मोड़ा में कुछ लोग मकान के मलबों में दब गए हैं और हालात इतने बदतर हैं कि रेस्क्यू टीमें तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
पौड़ी के लैंसडाउन में भूस्खलन के कारण एक नेपाली परिवार के 3 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, चंपावत ज़िले में इसी तरह की दुर्घटना में दो और रुद्रप्रयाग ज़िले में कानपुर से पहुंचे एक पर्यटक की मौत की खबरें हैं। भूस्खलन और भारी बारिश के चलते जगह जगह रास्ते बंद हो गए हैं और चार धाम यात्रा रोकी जा चुकी है। इन हालात के बीच, ताज़ा खबरें कई इलाकों से आ रही हैं, जो चिंताजनक हैं।
मूसलाधार बारिश का नैनीताल में जनजीवन पर असर पड़ा है। नैनीताल में बारिश के चलते 9 सड़कें बंद हो गई हैं, तो नैनीताल भवाली, कालाढुंगी नैनीताल सड़क मलबा आने से बंद है। नैनीताल हल्द्वानी सड़क भी मलबा आने से बाधित है। ज़िला प्रशासन की अपील के बाद भी सड़कों पर जाम की स्थिति है तो कई पर्यटक वापस लौट रहे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है। सड़कों पर जाम के चलते जेसीबी मशीनें के फंस जाने से सड़क खोलने में देर लग रही है।
वहीं, नैनीताल के रामगढ़ में बारिश ने तबाही मचा दी है। तल्ला रामगढ़ का पूरा इलाका पानी में डूब गया है। कई घरों के लोग गहरे पानी में डूब गए हैं और कई लोग घरों की छतों पर बैठकर जान बचा रहे हैं। इधर, अल्मोड़ा में मूसलाधार बारिश के चलते भतरौजखान में 3 लोग मकान के अंदर दब गए। भनोली में मकान टूटने से एक व्यक्ति मकान के अंदर दब गया। सड़कें बंद होने से रेस्क्यू टीमें नहीं पहुंच पा रही हैं। ज़िला प्रशासन की टीम भी नहीं पहुंच सकी। दर्जनों सड़कें बंद हैं और जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त है।
72 घंटे की तबाही के बाद अभी तक 8 लोगों के मरने की खबरें हैं। हल्द्वानी में गौला नदी लबालब भरी है और नैनीताल की झील का पानी माल रोड पर आ गया है। फ्रूट बेल्ट रामगढ़ में भी भारी बारिश के चलते नुकसान हुआ है तो चारधाम यात्रा भी थम गई है। यात्रियों को अलग अलग पड़ावों पर रोक दिया गया है।
बारिश के बाद, बिजली, पानी, इंटरनेट सेवाओं पर बुरी तरह असर पड़ा है। रामनगर में कोसी का जलस्तर 1 लाख 14 हज़ार 325 क्यूसेक बताया जा रहा है और अभी और बढ़ने की आशंका है। मोहान और ढिकुली के कई रिसॉर्ट्स में पानी घुस गया है जबकि कोसी नदी से लगे रिसॉर्ट्स को खाली करवाया गया है।
लगातार बारिश के बाद देहारादून में धूप खिली है, गढ़वाल में बारिश थमी है लेकिन कुमाऊं मंडल में बारिश जारी है। रुद्रप्रयाग, केदारनाथ में हल्की बारिश जारी है, तो ऋषिकेश कोहरे की चपेट में आ चुका है। मौसम विभाग ने मंगलवार यानी 19 अक्टूबर के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है। अलर्ट के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान की भी आशंका जताई गई है।
आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ,(SDRF)एनडीआरएफ,(NDRF) पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जिलास्तरीय अधिकारियों को बिना सूचना जिला मुख्यालय न छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय स्थित स्टेट डिजास्टर कन्ट्रोल रूम पहुंचकर प्रदेश में बारिश के हालात की जानकारी ली और राहत व मदद कार्य के लिए ज़रूरी निर्देश दिए।