यूक्रेन के खारकीव (Kharkiv) में एक भारतीय छात्र की मौत की सूचना है. खारकीव में हुई गोलीबारी में जिस भारतीय छात्र की मौत हुई है, उसकी पहचान नवीन शेखरप्पा ज्ञानगोदर (Naveen Shekharappa) के रूप में हुई है. उसकी उम्र 21 वर्ष बतायी जाती है. वह कर्नाटक (Karnataka) का रहने वाला बताया जा रहा है. विदेश मंत्रालय ने नवीन की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसके पिता से फोन पर बात की और उन्हें ढाढस बंधवाया है.
विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Baghchi) ने ट्वीट करके मंगलवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि विदेश सचिव ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से बात की है और आग्रह किया है कि भारतीय बच्चों को सेफ पैजेस दिया जाये, ताकि उन्हें खारकीव शहर एवं युद्धग्रस्त अन्य क्षेत्रों से सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.
कर्नाटक का रहने वाला है छात्र
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मृतक छात्र के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि मंगलवार की सुबह यूक्रेन में हुई भीषण गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गयी. बताया कि खारकीव में यह छात्र गोलीबारी का शिकार हो गया. संबंधित देशों के राजदूतों को बुलाकर भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में मदद करने के लिए कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मृतक कर्नाटक के चलागिरी का रहने वाला बताया जाता है. उसका नाम नवीन शेखरप्पा ज्ञानगोदर है.
विदेश मंत्रालय ने पहचान उजागर नहीं की
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने मृतक छात्र की पहचान की पुष्टि नहीं की है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान हुई गोलीबारी और बमबारी में किसी भारतीय की मौत का यह पहला मामला है. युद्ध लगातार 6 दिनों से जारी है. भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों से कहा है कि हर हाल में वे यूक्रेन छोड़ दें. भारत ने युद्ध शुरू होने से पहले अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कह दिया था. बता दें कि मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए हजारों छात्र यूक्रेन जाते हैं.
भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’
बता दें कि भारत सरकार ने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रखा है. चार-चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन की सीमा से सटे देशों में भेजा गया है, जो भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाये जा रहे ऑपरेशन की निगरानी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं. यूक्रेन संकट पर उन्होंने दो दिन में दो बार हाई-लेवल मीटिंग की है और भारतीयों की सुरक्षित वापसी के निर्देश अपने अधिकारियों एवं मंत्रियों को दी है.
यूक्रेन में फंसे सभी लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे हर हाल में यूक्रेन से निकलने की कोशिश करें. अगर कीव पर रूस ने हमले शुरू कर दिये, तो किसी का भी वहां से निकलना मुश्किल हो जायेगा. विदेश मंत्रालय ने आज भी एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि सभी भारतीय नागरिक आज किसी भी मार्ग से कीव पहुंच जायें. भारत ने हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के रास्ते भारतीयों को निकालने का अभियान चला रखा है.