कोरना महामारी के बीच पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशीकरण की मुहिम की शुरूआत रक्षा क्षेत्र में हो चुकी है। स्वदेशीकरण की दिशा में भारतीय वायुसेना एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। बता दे आज देश में बनी फाइटर जेट, एलसीए तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन कोयम्बटूर के करीब सुलूर में शुरू होने जा रही है। आज इस खास मौके पर एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया सुलूर एयरबेस पर मौजूद रहेंगे। ये एलसीए तेजस, ‘एफओसी’ वर्जन का है और पहले के तेजस फाइटर जेट से ज्यादा एडवांस और खतरनाक हैं। इसकी विशेषता ये है कि फाइनल ओपरेशनल क्लीयेरेंस, तेजस लड़ाकू विमान, बियुंड विजयुल रेंज मिसाइल से लैस है जो 50 किलोमीटर दूर ही टारगेट को लॉक कर सकती है। इसके साथ ही लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट यानी एलसीए तेजस में इजरायल की डर्बी बीवीआर मिसाइल लगी है। वहीं इसमें एयर टू एयर फ्यूल रिफील किया जा सकता है।
बता दें तेजस एक फोर्थ जेनरेशन का बहुत ही हल्का विमान है। इससे पहले वायुसेना में आईओसी यानि इनीशियल ऑपरेशनल क्लीयेरेंस के नाम स्कॉवड्रन को शामिल किया गया था। एक स्कॉवड्रन में 16-18 फाइटर जेट होते हैं और दो फाइटर एयरक्राफ्ट होते हैं।
इसके साथ ही इसी साल वायुसेना को जुलाई के महीने में 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है। जिससे भारतीय वायुसेना और मजबूत होगी। शुरूआत में चार रफाल के साथ ‘गोल्डन एरो’ स्कॉवड्रन हरियाणा के अंबाला से ऑपरेट करेगी इसके साथ ही चीन और पाकिस्तान की सीमा की रखवाली भी करेगी।