महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने सियासी घमासान के बाद पहली परीक्षा पास कर ली है। विश्वासमत के पक्ष में 169 विधायकों ने मतदान किया, एक भी वोट विरोध में नहीं पड़ा , चार ने मतदान नहीं किया, बीजेपी के 105 विधायक मतदान के दौरान उपस्थित नहीं रहे। बहुमत परीक्षण में कुल 169 वोट उद्धव सरकार के पक्ष में पड़े। विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी नाम का गठबंधन बनाया है। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने गुरुवार की शाम को राज्य के 19वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि आजतक कभी भी जब फ्लोर टेस्ट होता है तो पहले रेगुलर स्पीकर की नियुक्ति के बाद होता है। इसलिए नियमों का उलंघन करके प्रोटेम स्पीकर चुना और फ्लोर टेस्ट करवाया है। नियम और संविधान को तोड़ा गया है। इसलिए राज्यपाल को यह कार्यवाही रद्द करनी चाहिए। हम राज्यपाल के पास जाएंगे और उनको अनियमितता का पत्र देंगे।
इससे पहले सत्र की शुरुआत होते ही बीजेपी के विधायकों ने यह कहते हुए हंगामा किया कि अधिवेशन नियमों के खिलाफ बुलाया गया है।बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह अधिवेशन नियमों और संविधान के खिलाफ बुलाया है। उन्होंने कहा कि यह सदन वंदे मातरम के साथ शुरू होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बहुमत परीक्षण से पहले तीनों दलों ने विप जारी कर दिया है। विधानसभा जाने से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने विधायकों के साथ विधानसभा पहुंच चुके हैं। शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी।