Air india को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सरकारी कंपनी एयर इंडिया (Air India) को टाटा खरीदने जा रहा है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की रिपोर्ट के मुताबिक, Air India के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चुन लिया है. बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रियों के एक ग्रुप ने टाटा ग्रुप (TATA Group) के टेक ओवर प्रस्ताव पर सहमति जता दी है. आने वाले दिनों में जल्दी ही सरकार यह ऐलान कर सकती है.
सरकार का मकसद दिसंबर 2021 तक Air India डील को पूरा करना है. सरकर अपना विनिवेश का टारगेट पूरा करने के लिए यह डील जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है. इसके साथ ही इसी वित्त वर्ष सरकार LIC में भी अपना हिस्सा बेच सकती है.
इसकी कहानी शुरू होती है साल 2007 से. 2007 में सरकार ने एअर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस (Indian airlines) का मर्जर कर दिया था. मर्जर के पीछे सरकार ने फ्यूल की बढ़ती कीमत, प्राइवेट एयरलाइन कंपनियों से मिल रहे कॉम्पिटीशन को वजह बताया था. हालांकि, साल 2000 से लेकर 2006 तक एअर इंडिया मुनाफा कमा रही थी, लेकिन मर्जर के बाद परेशानी बढ़ गई. कंपनी पर कर्ज लगातार बढ़ता गया. कंपनी पर 31 मार्च 2019 तक 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज था. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमान लगाया गया था कि एयरलाइन को 9 हजार करोड़ का घाटा हो सकता है.
बता दें कि इससे पहले 2018 में भी सरकार ने एअर इंडिया के विनिवेश की तैयारी की थी.उस समय सरकार ने एअर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया था. इसके लिए कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मंगवाए गए थे, जिसे सब्मिट करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 थी, लेकिन निर्धारित तारीख तक सरकार के पास एक भी कंपनी ने EOI सब्मिट नहीं किया था. इसके बाद जनवरी 2020 में नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की गई. इस बार 76 फीसदी की जगह 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया गया. कंपनियों को 17 मार्च 2020 तक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट सब्मिट करने को कहा गया, लेकिन कोरोना की वजह से एविएशन इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई, इस वजह से कई बार तारीख को आगे बढ़ाया गया और 15 सितंबर 2021 आखिरी तारीख निर्धारित की गई.