सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि Social Distancing बनाए बनाए रखने के लिए वे Liquor की अप्रत्यक्ष बिक्री या Home Delivery पर विचार करें। एक याचिका में SC से मांग की गई थी कि Liquor की दुकानों में सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। दुकानें कम हैं और Liquor खरीदार ज्यादा हैं। इनकी वजह से आम आदमी की जिंदगी को खतरे में नहीं डाला जा सकता।
SC ने सुनवाई के दौरान शराब की बिक्री को लेकर स्पष्ट कोई आदेश देने से इनकार कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। जस्टिस कौल ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अल्कोहल की Home Delivery पर चर्चा चल रही है। आप हमसे क्या चाहते हैं? याचिकाकर्ता के वकील जे. सांई दीपक ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान Liquor की बिक्री से कोई भी आम आदमी का जीवन खतरे में न पड़े। गृह मंत्रालय को शराब की बिक्री पर राज्यों को स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए।’
लॉकडाउन के पहले दो चरण में Liquor की दुकानें बंद रखी गईं। तीसरे चरण में Red Orange, Green Zone तीनों जोन में शर्तों के साथ अल्कोहल की बिक्री की इजाजत दी गई है। हालांकि, जब दुकानें खुलीं तो कई शहरों में दुकानों के बाहर भीड़ जमा हो गई। इससे Social Distancing का पालन न हो पाने और महामारी के तेजी से फैलने का खतरा पैदा हो गया। दिल्ली, बेंगलुरु समेत अन्य राज्यों में Liquor की दुकानें पर लोगों की दो किमी लंबी कतारें देखने को मिलीं।
मीडिया रिपोर्ट्स में जोमैटो के हवाले से कहा गया है,‘अगर टेक्नोलॉजी की मदद से Liquor की Home Delivery की जाती है, तो Liquor की खपत को बढ़ावा दिया जा सकता है। साथ ही संक्रमण फैलने के खतरे को भी कम किया जा सकता है।’ समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जोमैटो ने इस बारे में Liquor इंडस्ट्री बॉडी इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसडब्ल्यूएआई) को अप्रैल के मध्य में एक प्रस्ताव भी भेजा है। प्रस्ताव में जोमैटो ने कहा है कि वो उन्हीं जगहों पर यह सुविधा देगी, जहां Corona का संक्रमण कम है।