महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में लिंगायत समाज के साधु की हत्या अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। कांग्रेस नेता Sanjay Nirupam ने इस हत्या पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि देश में साधु-संन्यासियों की निर्मम हत्या का एक खतरनाक ट्रेंड चल रहा है। नांदेड़ में कल (शनिवार) जिस तरह आश्रम में घुसकर एक लिंगायत साधु की हत्या हुई, उसकी गहराई में जाना जरूरी है। कहीं यह हत्याएं सुनियोजित षडयंत्र के तहत तो नहीं हो रही हैं?
Sanjay Nirupam ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘देश में साधु संन्यासियों की निर्मम हत्या का एक खतरनाक ट्रेंड चल रहा हैं। ताजा घटना है नांदेड़ की। कल आश्रम में घुसकर एक लिंगायत साधु की हत्या कर दी गई। इन घटनाओं की गहराई में जाना जरूरी है। कहीं एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत तो ये हत्याएं नहीं हो रही हैं?
वहीं वीएचपी (विश्व हिन्दू परिषद) प्रवक्ता विनोद बंसल ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यदि पालघर मामले में सख्त कार्रवाई की गई होती तो हत्यारों के हौसले इस तरह बुलंद ना होते। उन्होंने 3 ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘पूज्य सद्गुरु शिवाचार्य गुरु जी के साथ उनके साथी को भी आज तड़के नांदेड़ के पास स्थित उनके आश्रम में ही मौत के घाट उतार दिया गया और पुलिस प्रशासन सब मौन है? दिवंगत आत्माओं को श्रद्धासुमन के साथ प्रभु से प्रार्थना है कि सरकार को सद्बुद्धि दें।’
दूसरे ट्वीट में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘पालघर में साधुओं के हत्यारों को यदि टांग दिया होता और उनके षडयंत्रकारियों के साथ नरमी नहीं बरती होती तो शायद नांदेड़ में पूज्य साधु व सेवक के हत्यारों के हौसले बुलंद ना होते। 38 दिन हो गए उद्धव जी। शिव सेना को सोनिया सेना ना बनाओ।’
तीसरे ट्वीट में VHP प्रवक्ता ने लिखा, ‘पालघर में पूज्य साधुओं के हत्यारे तो अभी तक हाथ नहीं आए किन्तु हां महाराष्ट्र के ही पूज्य स्थल नांदेड़ में आज एक और पूज्य संत की जान ले ली गई। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि राज्य की सेना-सोनिया सरकार में पूज्य बाला साहब ठाकरे के संस्कार लेश मात्र भी जिंदा हैं?’
महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए लिखा, ‘नांदेड़ में संन्यासी और उनके सेवक की हत्या दर्दनाक और हैरान करने वाला है। भावभीनी श्रद्धांजलि। राज्य सरकार इस मामले में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करें साथ ही उन्हें कठोर सजा मिले।’
वहीं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस घटना को लेकर दुख जाहिर करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘महाराष्ट्र के नांदेड़ में दो और साधुओं की गला रेत कर निर्मम हत्या।’
कैसे हुई हत्या?
हत्यारोपी साईनाथ शनिवार रात 12 से 12.30 के बीच दरवाजा खोलकर आश्रम में दाखिल हुआ और पशुपति महाराज नाम के एक साधु की हत्या कर दी। दरवाजा अंदर से खुला है, यह कैसे खुला फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं है. क्योंकि कहीं भी दरवाजा तोड़ने के निशान नहीं हैं।
पशुपति महाराज की हत्या करने के बाद आरोपी साईनाथ साधु की लाश कार में रखकर बाहर निकलने की फिराक में था लेकिन कार गेट में फंस गई। इस दौरान छत पर सो रहे आश्रम के दो सेवादार जाग गए। उन्हें जब तक सारी बात समझ में आती आरोपी भागने लगा। जिसके बाद सेवादारों ने आरोपी का पीछा किया. लेकिन वह भाग निकला।
रविवार सुबह जिला परिषद स्कूल के पास एक और डेड बॉडी मिली। मृतक की पहचान भगवान राम शिंदे के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक मृत शख्स, आरोपी साईनाथ का साथी है। भगवान राम शिंदे भी लिंगायत समाज से है। उसकी हत्या साईनाथ ने की या किसी और ने, पशुपति महाराज की हत्या से पहले या बाद में, तमाम सवालों पर पुलिस फिलहाल जांच कर रही है। पशुपति महाराज इस मठ में 2008 से रह रहे थे। इस मठ को निर्वामी मठ के नाम से जाना जाता है।
क्या है पालघर हत्याकांड?
अप्रैल महीने में पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के थे। ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया। फिर गाड़ी में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए। इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 16-17 अप्रैल की रात जब ये दो साधु अपने ड्राइवर के साथ गांव से गुजर रहे थे, तब लोगों को चोरों के आने का शक हुआ।