कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Congress Leader Salman Khurshid) ने अपनी नई किताब से सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. सलमान ने बुधवार को रिलीज हुई अपनी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या, नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ में आज के हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस (ISIS) और बोको हराम (Boko Haram) जैसे आतंकी संगठनों के जिहादी इस्लाम वाली सोच से किया है. इस किताब का विमोचन बुधवार को पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किया.
सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में लिखा है कि आज के तगड़े हिंदुत्व का राजनीतिक रूप , साधु-सन्तों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है. हालांकि अयोध्या विवाद पर SC के फैसले की कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में की तारीफ.
“सनराइज ओवर अयोध्या, नेशनहुड इन आवर टाइम्स” नाम की किताब में सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ करते हुए कुछ सवाल भी उठाए हैं,लेकिन उम्मीद ज़ाहिर की है कि अब देश इस विवाद से आगे बढ़ेगा. हिंदुत्व की तरफ झुकाव की वकालत करने वाले कांग्रेस नेताओं की सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में आलोचना भी की है.
सलमान ने लिखा है कि कांग्रेस में एक ऐसा वर्ग है, जिन्हें इस बात पर मलाल है कि पार्टी की छवि अल्पसंख्यक समर्थक पार्टी की बन गई है. ये लोग हमारी लीडरशीप की जनेऊधारी पहचान की वकालत करते है. इन लोगों ने अयोध्या पर आए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए यह घोषणा कर दी कि अब इस स्थल पर भव्य मंदिर बनाया जाना चाहिए लेकिन SC की ओर से दिए गए आदेश के उस हिस्से को नजरअंदाज किया जिसमें मस्जिद के लिए भी जमीन देने का निर्देश दिया गया था.
सलमान ने लिखा है “निश्चित रूप से हिंदुत्व के समर्थक इसे इतिहास में अपने गौरव को उचित मान्यता मिलने के तौर पर देखेंगे. न्याय के संदर्भ सहित जीवन कई खामियों से भरा है, लेकिन हमें आगे बढ़ने के लिए इसके साथ समायोजन करने की जरूरत है,भले ही कुछ लोग फैसले से सहमत नहीं हैं.
सलमान के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है.केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ये बेवकूफी वाली बात है. नक़वी ने कहा कि जिनको हिंदुत्व का ज्ञान नहीं है वही ऐसी बातें करते हैं.
किताब के विमोचन के मौके पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस्लाम के आने से पहले भी मंदिर तोड़े गए हैं,इसे सिर्फ इस्लाम से जोड़ना ठीक नहीं है. राजाओं के दौर में भी एक राजा दूसरे पर कब्ज़ा करने के बाद कई बार मंदिर तोड़ देते थे. वहीं चिदंबरम ने अयोध्या के फैसले पर कहा कि फैसला सही है इसलिए दोनों पक्षों ने नहीं स्वीकार किया बल्कि दोनों पक्षों ने स्वीकार किया इसलिए ये सही फैसला है.