कोरोना के खिलाफ संघर्ष में PM नरेन्द्र मोदी की अपील पर जहां एक तरफ पूरा देश रविवार की रात 9 बजे दीये जलाकर इस बात का इजहार किया कि देश एकजुटता के साथ इस महामारी के खिलाफ खड़ा है तो वहीं कुछ जगहों पर आतिशबाजी भी हुई। कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक, तमिलनाडु से लेकर UP और बिहार तक हर जगह लोगों ने अपने-अपने घरों में दीये या फिर मोबाइल की फ्लाइश लाइट जलाई।

देशभर में यह नजारा किसी मायने में दिवाली से कम नहीं लग रहा था। देश में लॉकडाउन का रविवार को 12वां दिन था, लेकिन लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा था। PM नरेंद्र मोदी ने देश भर में कोरोना वायरस संकट से उबरने के संकल्प के साथ रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए दीप जलाए। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर दीप जलाते हुए चार तस्वीरें साझा की। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक श्लोक भी लिखा, “शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥ इस श्लोक का अर्थ है कि हे दीपक आप शुभ करने वाले हो ,हमारा कल्याण करें , आरोग्य प्रदान करके, धन-संपदा दें। शत्रुओं की बुद्धि का नाश करें।
इस मौके पर न सिर्फ आम लोग बल्कि राजनीतिक हस्तियों से लेकर सभी धर्म और मजहब के लोगों ने पीएम मोदी की खास अपील पर घर में दीया जलाते नजर आए।लोगों में एक ऐसा उत्साह नजर आ रहा था कि कहीं पर लोग शंख फूंक रहे थे तो कहीं एक साथ दीये लेकर 9 मिनट तक खड़े रहे। PM मोदी की अपील पर कोरोना को अंधकार को भगाने के लिए हर धर्म और मजहब के लोग इसमें बढ़चढ़ कर शरीक हुए।
Coronavirus के खिलाफ जंग में एकजुटता दिखाने की PM मोदी की अपील पर रविवार रात 9 बजे देश में दिवाली सा नजारा दिखा। राष्ट्रपति से लेकर आम आदमी तक सभी ने दीया, मोमबत्ती जलाकर बताया कि कोरोना के खिलाफ जंग में कोई अकेला नहीं है। PM नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने भी दीया जलाया। इस दौरान उनके घर की लाइटें बंद रहीं। हीराबेन एक थाली में मिट्टी का दीया लेकर दरवाजे के बाहर कुर्सी पर बैठी नजर आईं। वह अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ गुजरात में रहती हैं।
इससे पहले PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों से अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बालकनी-खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ताली-थाली बजाने की अपील की थी। PM ने कहा था कि आप लोग उन लोगों के प्रति कृतज्ञता जताएं, जो कोरोना से बचाने में हमें लगे हैं। PM की इस अपील के बाद जनता-कर्फ्यू के दिन 22 मार्च को शाम पांच बजे लोग अपने घरों और बालकनी-खिड़कियों के सामने खड़े होकर ताली और थाली बजाई थी।