मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में बुधवार को मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक आरोपों से संबंधित विधेयक पेश कि गए, जिसका कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया. इस पर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अभी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये बिलकुल ठीक है. प्रशांत किशोर ने इस बिल के समर्थन में अपने विचार रखे.
विधेयक पर प्रशांत किशोर का क्या है कहना?
गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक पर प्रशांत किशोर ने कहा, “यह बिल इसलिए लाया जा रहा है कि जब संविधान बना होगा तब जिन्होंने हमारा संविधान बनाया था उन्हें शायद इस बारे में पता ही नहीं होगा कि सत्ता में बैठे लोग इतने भ्रष्ट हो जाएंगे कि उन्हें जेल जाना पड़ेगा, जहां तक मैं समझता हूं कि यह बिलकुल ठीक है कि अगर आप पर कोई आरोप लग रहा है और आप जेल जा रहे हैं तो आप जेल में बैठकर सत्ता नहीं चला सकते हैं.”
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक पेश किए. ये विधेयक भ्रष्टाचार या गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों से ज़्यादा समय तक हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है.
यह विधेयक गंभीर अपराधों में 5 साल या उससे ज़्यादा की सजा पाने वाले या आरोप में 30 दिनों तक हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान करता है. इसका उद्देश्य संवैधानिक नैतिकता और सुशासन सुनिश्चित करना है. यह विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों में भी समान प्रावधान लागू करने का प्रयास करता है, ताकि सुशासन और जनता का विश्वास बना रहे.