PM Narendra Modi

कैसे फैसले लेते हैं पीएम मोदी? उनसे अच्छा श्रोता नहीं देखा-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) जैसा श्रोता पहले नहीं देखा। जब केंद्रीय मंत्री से यह पूछा गया कि क्या पीएम मोदी (PM Modi) निरंकुश तरीके से फैसला लेते हैं, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैंने मोदी जी जैसा श्रोता कभी नहीं देखा। वह किसी भी बैठक में कम-से-कम बोलते हैं और सबकी बात धैर्यपूर्वक सुनते हैं। वह गुणवत्ता के आधार पर हर व्यक्ति के सुझाव को महत्व देते हैं।” संसद टीवी को दिए साक्षात्कार के दौरान अमित शाह ने ये बातें कही. इसका प्रसारण रविवार को ही किया गया था।

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के राजनीतिक कार्यालय में 20 साल पूरे होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने साक्षात्कार में कहा कि ऐसा कोई दोष नहीं है जो पीएम मोदी (PM Modi) पर नहीं थोपा गया हो, लेकिन पीएम मोदी (PM Modi) ने इस सब पर काबू पा लिया है क्योंकि सभी विपक्ष पीएम मोदी (PM Modi) को मजबूत करते हैं और ऐसा इसलिए है कि क्योंकि उन्हें लोगों का भरोसा हासिल था। अमित शाह ने कहा, “जनता जानती है कि मोदी जी जो निर्णय लेते हैं वह देश के लिए होता है। उन्हें इससे कुछ भी लाभ नहीं होता है। इसलिए, भले ही कोई गलती हुई हो, लेकिन जनता ने उन्हें माफ कर दिया।”

अमित शाह ने कहा, “किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने कभी नहीं कहा कि भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का साहस है। आज हमारी अर्थव्यवस्था 11वें से छठे स्थान पर है और जल्द ही 5वीं हो जाएगी। मुझे विश्वास है कि भारत जल्द ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”

साक्षात्कार के दौरान, अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) के राजनीतिक जीवन को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है – पहला संगठन में उनके शुरुआती दिन, दूसरा, गुजरात के CM बनने के बाद और तीसरा, राष्ट्रीय राजनीति में उनका प्रवेश। भुज भूकंप की बदहाली से कैसे उठा, लेकिन लातूर ऐसा नहीं कर सका… इस बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “मोदी जी ने गुजरात में अपनी कड़ी मेहनत, योजना और दृढ़ कार्यान्वयन के माध्यम से पार्टी को मजबूत किया।”

पिछले सात वर्षों में पीएम मोदी (PM Modi) की पहल, सुधारों को गिनाते हुए अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) ने आर्थिक सुधारों के संबंध में साहसिक निर्णय लिए हैं। किसानों के विरोध पर उन्होंने कहा कि चिंताएं निराधार हैं और तीन कानूनों का उद्देश्य किसानों की मदद करना है।

अमित शाह ने कहा, “मुझे यह कहते हुए अफसोस है कि वामपंथी विचारधारा गरीबों के कल्याण के लिए नहीं है। यह केवल सत्ता पर कब्जा करने के लिए गरीबों की नाराजगी को भुनाने का एक तरीका है। नहीं तो, वाम शासित राज्यों की स्थिति क्या बताती है?”

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