प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने विज्ञान भवन में आयोजित आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने डाक टिकट भी जारी किया. पीएम इस दौरान पीएम मोदी को आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से सम्मानित किया गया.
पीएम मोदी ने शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सब भारत की आध्यात्म परंपरा के एक महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी बन रहे हैं. पूज्य आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज, उनकी जन्म शताब्दी का ये पून्य पर्व. उनकी अमर प्रेरणाओं से ओत-प्रोत यह कार्यक्रम एक अभूतपूर्व प्रेरक वातावरण का निर्माण हम सबको प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं. मुझे आने का अवसर देने के लिए आप सब का आभार व्यक्त करता हूं.
“आज ही के दिन मुनिराज को आचार्य पद की उपाधि प्राप्त हुई थी”
आज का ये दिन एक और वजह से बहुत विशेष है. 28 जून यानी, 1987 में आज की तारीख पर ही आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज को आचार्य पद की उपाधि प्राप्त हुई थी. ये सिर्फ एक सम्मान नहीं था, बल्कि जैन परंपरा को विचार, संयम और करूणा से जोड़ने वाली एक पवित्र धारा प्रवाहित हुई. आज जब हम उनकी जन्म शताब्दी मना रहे हैं तब ये तारीख हमें उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाती है. इस अवसर पर आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज की चरणों में नमन करता हूं. उनका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, ये प्रार्थना करता हूं.
उपाधि को मां भारती के चरणों में अर्पित करता हूं- PM Modi
उन्होंने कहा, आज मुझे ये धर्म चक्रवर्ती की उपाधि दी गई. इसे मैं विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं, और मां भारती के चरणों में अर्पित करता हूं. उनके शब्द इतने सरल की हर कोई समझ सके. वो युग पुरुष और युग दृष्टा थे. इतना ही नहीं, वो समय-समय पर मुझे अपना मार्गदर्शन भी देते थे. मैं यहां भी उनके प्रेम और अपनेपन को महसूस कर रहा हूं.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैं आज आपके साथ 9 संकल्प को आपके साथ साझा करना करता हूं, जिसमें-
पहला संकल्प पानी बचाने का है- एक एक बूंद पानी की कीमत समझनी है.
दूसरा संकल्प एक पेड़ मां के नाम- उसे ऐसे सींचें जैसे मां हमें सींचती रही है.
तीसरा संकल्प स्वच्छता का है- जिसमें हर मोहल्ला स्वच्छ हो.
चौथा संकल्प वोकल फॉर लोकल- जिसमें हिंदुस्तान की मिट्टी की खुशबू हो वही ख़रीदनी है.
पांचवा संकल्प देश का दर्शन – दुनिया देखनी है ज़रूर देखिए, लेकिन अपने भारत को जानिए महसूस करिए.
छठा संकल्प नेचुरल फॉर्मिंग अपनाना- धरती मां को ज़हर से मुक्त करना है.
सातवा संकल्प हेल्दी लाइफ स्टाइल का- जो खाएं सोच समझ कर खाएं.
आठवां संकल्प खेल और योग का है.
नौवां संकल्प गरीब की मदद करना है- यही असली सेवा है.
उन्होंने आगे कहा, दुनिया में जब हजारों वर्षों तक हिंसा को हिंसा से शांत करने के प्रयास हो रहे थे…. तब भारत ने दुनिया को अहिंसा की शक्ति का बोध कराया। हमने मानवता की सेवा की भावना को सर्वोपरि रखा। सब साथ चलें, हम मिलकर आगे बढ़ें… यही हमारा संकल्प है।