पीएम मोदी का आज रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन, कर सकते हैं बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सोमवार को ‘जन से जग’ का नारा देते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से संक्रमण गांवों तक न पहुंचने देने की रणनीति बनाने का आग्रह भी किया। उन्होंने  कहा कि जरूरत संतुलित रणनीति के साथ आगे बढ़ने और चुनौतियों से निपटने का रास्ता तय करने की है। इस दौरान, पांच राज्यों ने लॉकडाउन 17 मई के बाद भी बढ़ाने की मांग की है। जबकि गुजरात ने इसका विरोध किया। राजस्थान व केरल ने लॉकडाउन में अधिक फैसले ले सकने के लिए राज्यों को और अधिकार देनेे की वकालत की। 

चर्चा के दौरान बिहार, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र ने लॉकडाउन बढ़ाए जाने का समर्थन किया, तो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और तेलंगाना ने 12 मई से ट्रेनें चलाने का विरोध किया। राजस्थान ने कहा-रेड, ग्रीन व ऑरेंज जोन तय करने का अधिकार राज्यों को मिले। जबकि, केरल ने लॉकडाउन से जुड़े दिशा-निर्देशों में उचित बदलाव करने की आजादी की मांग की। लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति तय करने के लिए दो दौर की यह बैठक करीब छह घंटे चली। पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों की यह पांचवीं बैठक थी।

उन्होंने कहा, संक्रमण से निपटने की अब तक रणनीति को सफल रही है इसके कई सुखद परिणाम आए हैं।  राज्यों के सहयोग से देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। आर्थिक सहित सभी मोर्चों पर अब रणनीति क्या हो, इस पर 15 मई तक राज्यों से कार्ययोजना मांगी, जिसके बाद ही केंद्र दिशा-निर्देश तय करेगा। 
 
लॉकडाउन 17 मई के बाद भी जारी रह सकता है। हालांकि, चौथे चरण में और छूट मिल सकती है। पीएम मोदी के बैठक में दिए बयान से यह संकेत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि लॉकडाउन के पहले चरण में जिन नियमों की दरकार थी, वो दूसरे चरण में जरूरी नहीं रह गईं। उसी तरह तीसरे चरण के नियमों की दरकार चौथे चरण के लॉकडाउन में नहीं है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर दिल्ली सरकार सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां खोलने को तैयार है, इससे दिल्ली में अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी। 

प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने तेवर दिखाते हुए केंद्र पर राज्यों की सहमति के बिना निर्णय लेने का आरोप लगाया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने केंद्र पर भेदभाव का भी आरोप लगाया और श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने पर सवाल खड़े किए। कहा, ट्रेनों से  श्रमिकों के गृह राज्य लौटने से संकट बढ़ेगा।
राज्यों की अपील, मौजूदा हालात में ट्रेन-विमान सेवा न की जाए शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी तीसरी बार देश को संबोधित करेंगे। गौरतलब है कि सोमवार को ही पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ पांचवीं बार बैठक की थी और लॉकडाउन पर चर्चा किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक पीएम मोदी 11 बार देश को संबोधित कर चुके हैं। आज उनका 12वां संबोधन होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर 2016 को कालेधन पर लगामा लगाने के लिए 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आज रात 12 बजे के बाद से 500 और 1000 रुपए के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे।

31 दिसंबर 2016 को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित करते किया। इस दौरान उन्होंने विमुद्रीकरण और काले धन पर बात की। उन्होंने कहा कि बैंक गरीबों को ध्‍यान में रखकर काम करें और लोकहित में उचित निर्णय लें।

तीसरा संबोधन: पुलवामा पर प्रतिक्रिया
15 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश को हिलाकर रखने वाले पुलवामा हमले पर बात की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं लोगों की भावनाओं और उनके गुस्से को समझता हूँ, हमने सुरक्षा बलों को पूरी स्वतंत्रता दी हुई है और हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है’।

चौथा संबोधन: मिशन शक्ति की बधाई
27 मार्च 2019 को पीएम मोदी ने मिशन शक्ति की सफलता के अवसर पर देशावासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा, ‘हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किमी दूर पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया है। यह लाइव सेटेलाइट एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, जिसे एंटी-सेटेलाइट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया। यह अभियान तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा किया गया।’

पांचवां संबोधन: अनुच्छेद 370 पर बात
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद पीएम मोदी ने 8 अगस्त 2019 को रात 8 बजे देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के युवाओं को राज्य के एक खूबसूरत कल का ख्वाब दिखाया। नरेंद्र मोदी ने युवाओं को मुख्यधारा में लाने के साथ साथ करप्शन से निजात दिलाने और रोजगार से जोड़ने के वादे भी किए।

छठा संबोधन: बढ़ाया वैज्ञानिकों का हौसला
चंद्रयान-2 का चांद पर उतरने से पहले संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 सितंबर 2019 को अपने संबोधन में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। पीएम ने इसरो के कंट्रोल सेंटर से इसरो के वैज्ञानिकों को और देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि हम निश्चित रूप से सफल होंगे।

सातवां संबोधन: शांति की अपील
9 नवंबर 2019 को जब प्रधानमंत्री मोदी सातवीं बार देश को संबोधित करने आये, तो उन्होंने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और पंजाब में करतारपुर कॉरिडोर पर बात की। अपने संबोधन में उन्होंने देश की जनता से शांति, सौहार्द और सद्भाव का महौल बनाने की अपील की।

आठवां संबोधन: जनता कर्फ्यू
19 मार्च 2020 को रात 8 बजे पीएम मोदी कोरोना वायरस को लेकर देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील करते हुए रविवार को जनता कर्फ्यू का आव्हान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि 22 मार्च को शाम पांच बजे, पांच मिनट तक तक उन सभी लोगों का ताली बजाकर धन्यवाद अर्पित करें, जो खतरा उठाकर आवश्यक कामों में लगे हैं।

नौवां संबोधन: 21 दिनों का लॉकडाउन
24 मार्च को जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित किया, तो उन्होंने कोरोना से मुकाबले के लिए देशवासियों से कुछ समय मांगा। रात आठ बजे अपने संबोधन में उन्होंने पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन करने की घोषणा की।

दसवां संबोधन: मांगे नौ मिनट
कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री ने 3 अप्रैल को तीसरी बार देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घर की लाइट बुझाकर छत पर या बालकनी में दीये जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम प्रकाश की ताकत से कोरोना के अंधकार को मिलकर मात देंगे।

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