भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार और भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम भी पैंडोरा पेपर्स की रिपोर्ट मे है। राज्यसभा सदस्य रह चुके तेंदुलकर और उनके परिवार के नाम पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में कुछ कंपनियां थीं, जिन्हें 2016 में लिक्वीडेट कर दिया गया था।
सचिन की पत्नी अंजली तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता के नाम पर बीवीआई में कुछ कंपनियां थीं, जिनका खुलासा पनामा लॉ फर्म एलकोगल की रिपोर्ट में भी हुआ था। एलकोगल पैंडोरा पेपर्स का हिस्सा है। रिपोर्ट के मुताबिक बीवीआई स्थित सास इंटरनेशनल लिमिटेड नाम की कंपनी में तेंदुलकर का परिवार डायरेक्टर और बीओ है। इस कंपनी का पहला उल्लेख 2007 में किया गया था। जुलाई 2016 में कंपनी को लिक्वीडेट करने तक इसके मालिकों और आर्थिक फायदों का पूरा वर्णन पैंडोरा रिकॉर्ड्स के पास है।
लिक्वीडेशन के समय तक कंपनी का वर्णन इस प्रकार था:
- सचिन तेंदुलकर (9 शेयर): 856,702 डॉलर
- अंजली तेंदुलकर (14 शेयर): 1,375,714 डॉलर
- आनंद मेहता (5 शेयर) 453,082 डॉलर
इस तरह से सास इंटरनेशनल के शेयर्स की औसत कीमत लगभग 96,000 डॉलर थी। 10 अगस्त 2007 को कंपनी की स्थापना के समय लिए गए रिजॉल्युशन के तहत सास इंटरनेशनल के 90 शेयर्स को आउटसेट किया गया था। 60 शेयर्स का पहला प्रमाण पत्र अंजली तेंदुलकर को जारी किया गया था। उनके पिता को 30 शेयर्स का दूसरा प्रमाण पत्र दिया गया जारी किया गया था। इसके बाद बचे हुए शेयर्स और बायबैक की कोई जानकारी नहीं है। 90 शेयर्स का मूल्य 8.6 मिलियन डॉलर ( लगभगर 60 करोड़ रुपए) था।
पनाना पेपर्स में नाम आने के तीन महीने बाद ही सास इंटरनेशनल लिमिटेड को लिक्वीडेट कर दिया गया था। एलकोगल की स्प्रेडशीट में सचिन और अंजली तेंदुलकर का नाम पॉलिटकली एक्सपोस्ड पर्सन्स (राजनीतिक संबंध वाले व्यक्ति) के रूप में दर्ज है। सचिन और अंजली के राजनीतिक रसूख और संबंधों को सास इंटरनेशनल के बंद होने के दो महीने पहले रिव्यू किया गया था। गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर 2012 से 2018 तक राज्यसभा के सदस्य थे।
सास इंटरनेशनल लिमिटेड के डाटा सेट के अनुसार, कंपनी ने अपनी एमओए में कहा था कि यह शेयर्स से लिमिटेड है और एक डॉलर प्रति शेयर के मूल्य से 50000 शेयर जारी कर सकती है। सेलर नाम की एक कंपनी को सास इंटरनेशनल का सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था।
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स के कानून के मुताबिक यह कंपनी किसी भी प्रकार की कमोडिटी और वस्तु से संबंधित व्यापार कर सकती थी। लिक्वीडेशन के समय पनामा के एक नागरिक जॉन बी फोस्टर को कंपनी का वॉलेंटियर लिक्वीडेटर नियुक्त किया गया था। एक प्रमाण पत्र में यह भी बताया गया था कि सॉल्वेंसी के समय कंपनी की कीमत इनकी कुल परिसंपत्तियों और देनदारियों के मूल्य के बराबर या अधिक थी। 31 अगस्त 2016 को कंपनी आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई थी।
कंपनी के डिसॉल्युशन में तीनों शेयरधारकों सचिन तेंदुलकर, अंजली तेंदुलकर और आनंद मेहता के हस्ताक्षर थे। 15 जुलाई 2016 के प्रमाण पत्र के मुताबिक, कंपनी के रिकॉर्ड्स को स्विट्जरलैंड के न्यूकैथल स्थित एलजे मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मेंटेन किया जा रहा था।