उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्टेज सेट होने लगा है और अब इस स्टेज पर शिरकत करने पहुच गए है AIMIM के चर्चित नेता ओवेसी जिनके पहुचते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया सियासी खेल नजर आ रहा है और ओपी राजभर के साथ ओवैसी की दोस्ती एक नए विवाद को जन्म देती नजर आ रही है . बहराइच में चुनावी कार्यक्रम में शामिल होने ओपी राजभर के साथ ओवैसी भी पहुंचे थे. इसी दौरान ओवैसी ने सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर चादर चढ़ाई लेकिन महाराजा सुहेलदेव के स्मारक पर नहीं पहुंचे. भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए ओपी राजभर से पूछा है कि जिस सैयद सालार मसूद गाजी से महाराजा सुहेलदेव की जंग हुई, उसकी मजार पर चादरपोशी कैसे? ये एक बड़ा सवाल है .
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के साथ यूपी चुनाव की किलेबंदी में जुटे सुभाषपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर विवादों में घिर गए हैं. यूपी के बहराइच में चुनावी कार्यक्रम में शामिल होने ओपी राजभर के साथ ओवैसी भी पहुंचे थे. इसी दौरान ओवैसी सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पहुंचे और चादर चढ़ाई लेकिन महाराजा सुहेलदेव के स्मारक पर नहीं पहुंचे, जिसको लेकर भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए ओपी राजभर से पूछा है कि जिस सैयद सालार मसूद गाजी से महाराजा सुहेलदेव की जंग हुई, उसकी मजार पर चादरपोशी कैसे? यूपी के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने वाराणसी में मीडिया से बातचीत करते हुए ये सवाल उठाए. कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि ओपी राजभर कब भाजपा, सीएम और पीएम का विरोध करते करते देश और देश के नायकों का अपमान कर बैठे, समझ से परे है .
आपको बता दें की अनिल राजभर ने आगे कहा कि यही अंतर है भाजपा और दूसरी पार्टियों में. भाजपा महापुरुषों का सम्मान करती है और विरोधी पार्टियां अपमान. कुछ दिनों पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी बहराइच की धरती पर महाराजा सुहेलदेव की स्मारक की भव्य आधारशिला रखने का काम किया था और आज खुद को राजभर समाज का मसीहा बताने वाले अपने सियासी दोस्त के साथ सैयद सालार मसूद गाजी की दरगार पर पहुंचे, ये महाराजा सुहेलदेव का अपमान नहीं तो क्या है. कैबिनेट मंत्री के इस बयान के बाद वाराणसी कलक्ट्रेट के पास भाजपा कार्यकर्ताओं ने ओमप्रकाश राजभर का पुतला फूंका और विरोध जताया .