लोकसभा में सोमवार को देर रात तक चले चर्चा के बाद आखिरकार नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी मिल गई विरोध और देशभर में चले प्रदर्शन के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार की दोपहर को नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। जिसके बाद करीब 7 घंटे तक इस बिल पर सदन में चर्चा हुई, और लोकसभा से इस बिल को मंजूरी मिल गई। लोकसभा में चर्चा के बाद विपक्ष के प्रस्ताविक सभी संशोधनों को एक के बाद सदन में खारिज कर दिया गया। आपको बता दें सदन में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने ये साफ किया कि इस बिल से देश के मुस्लिमों का कोई संबंध नहीं है। साथ ही नागरिकता बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है, और इस बिल के तहत किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं होगा। इसके साथ ही देर रात हुई चर्चा में अमित शाह ने ये भी साफ किया कि एनआरसी के बाद एक भी घुसपैठिये को देश में रहने की इजाजत नहीं होगी।
आपको बता दें नागरिकता संशोधन बिल का नगालैंड और मिजोरम के सांसदों ने समर्थन किया। इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जोरदार हंगामे के बीच सोमवार को जब बिल पेश हुआ तो विपक्ष की ओर से इसपर मतदान की मांग की गई। जब वोटिंग हुई तो बिल पेश करने के पक्ष में 293 और विरोध में 82 वोट पड़े। सोमवार को सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई।