संस्कृत पुनरुत्थान के मेगास्टार आजाद उत्तराखंड यात्रा पर

विश्व सिनेमा के इतिहास में प्रथम संस्कृत फिल्म अहम ब्रह्मास्मि का भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी एवं देश की राजधानी दिल्ली में भव्य प्रदर्शन एवं अभूतपूर्व कामयाबी के बाद मेगास्टार आजाद और सनातनी महिला निर्मात्री कामिनी दुबे अपने दल के साथ उत्तराखंड की यात्रा पर हैं ।

आजाद ने देवभाषा संस्कृत के संवर्धन, संरक्षण एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का देश भर में शंखनाद किया है । देश में संस्कृत, राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी सरकारों के सत्तासीन होने के पीछे आजाद की भी मुख्य भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता ।

आजाद के संस्कृत को पुनर्स्थापित करने के पुनरुत्था न काल में उत्तराखंड सरकार ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए संस्कृत को विद्यालयों में अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाने का फैसला किया है,जिसकी वजह से आजाद ने उन्हें धन्यवाद दिया है ।

आजाद अपनी इस अति महत्व पूर्ण यात्रा में संस्कृत एवं भारत की दिव्य संस्कृति से जुड़े हर एक व्यक्ति को अपने अभियान से जोड़ने का सफल प्रयास किया जा रहा है । इसी यात्रा में सैन्य विद्यालय के यशस्वी छात्र एवं फिल्मकार मेगास्टार आजाद योग को विश्व संस्कृति का रूप देने वाले योग-गुरु बाबा रामदेव के हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ आश्रम भी गए और वहां संस्कृत, संस्कृति एवं भारतीय अाध्यात्म दर्शन से संबधित महत्वपूर्ण लोगों से मिलकर सघन विचार-विमर्श किया और देवभाषा संस्कृत के पुनरुत्थान के इस महायज्ञ में उन्हें भी सम्मिलित करने का आह्वान किया ।

आजाद ने योग ऋषियों के साथ मिलकर देवभाषा संस्कृत को हर घर पहुचाने के आंदोलन के तहत अपनी आगामी फिल्मों एवं नाट्यमंचन के विषयों पर विस्तार से चर्चा की । इसके बाद में सनातनी राष्ट्र वादी आजाद ने हर की पौड़ी में स्नान करते हुए मां गंगा की पूजा की और संस्कृत को जन भाषा बनाने के अपने भगीरथ प्रण की फिर से घोषणा की । आजाद की इस यात्रा में उनके साथ सनातनी महिला निर्मात्री कामिनी दुबे, बीएचयू के व्याकरण विभाग के आचार्य बृज भूषण ओझा सहित विश्व साहित्य परिषद्, आजाद फेडरेशन, बॉम्बे टॉकीज फाउंडेशन, वर्ल्ड लिटरेचर ऑर्गे नाइजेशन एवं बॉम्बे टॉकीज टीम भी मौजूद थी ।

विश्व में मुख्यधारा की पहली संस्कृत फिल्म अहम ब्रह्मास्मि का निर्माण 1934 में भारतीय सिनेमा के शिखर पुरुष राजनारायण दुबे द्वारा स्थापित भारतीय सिनेमा के आधार स्तंभ द बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो और क्रांतिकारी महिला निर्मात्री कामिनी दुबे ने संयुक्त रूप से किया है । अहम ब्रह्मास्मि जैसे कालजयी कृति का लेखन,निर्देशन के साथ ही मेगास्टार आजाद ने मुख्य भूमिका को अपने सजीव अभिनय से जीवंत किया है ।

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