N Biren Singh

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा ने अब तक निगलीं 52 जिंदगियां, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, जानें क्या है पूरा मामला

Manipur Violence: मणिपुर (Manipur) में 3 मई को आदिवासी आंदोलन में भड़की हिंसा के बाद अब तक कम से कम 52 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार (6 मई) को हिंसा को लेकर सभी पार्टियों की बैठक बुलाई. इसके साथ ही सुरक्षाबलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर हिंसा खत्म करने और शांति बहाल करने को कहा. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राज्य सरकार पर असफल होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील की है. उधर, राज्य की आयरन लेडी इरोम शर्मिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में आने की अपील की है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “मणिपुर (Manipur) में जारी हिंसा के बीच सभी सही सोच वाले भारतीयों को खुद से पूछना चाहिए कि उस बहुप्रचारित सुशासन का क्या हुआ जिसका हमसे वादा किया गया था. अपने राज्य में बीजेपी को सत्ता में लाने के एक साल बाद ही मणिपुर के वोटर बहुत छला हुआ महसूस कर रहे हैं. यह राष्ट्रपति शासन का समय है. राज्य सरकार उस काम में सक्षम नहीं है, जिसके लिए उसे चुना गया था.”

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार देर रात कहा कि चुराचांदपुर जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि सरकार और विभिन्न दलों के बीच बातचीत के बाद मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दी जाएगी.

नहीं लगा है अनुच्छेद 355

शनिवार रात सीएम सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि राज्य में अनुच्छेद 355 को लागू नहीं किया गया है. ऐसा कुछ तत्वों द्वारा भ्रम पैदा किया गया है. अनुच्छेद 355 के तहत यह प्रावधान है कि बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति की स्थिति में केंद्र सरकार राज्य की रक्षा का उपाय करे.

रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक राज्य में 52 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, राज्य सरकार ने मृतकों की आधिकारिक संख्या नहीं बताई है. राज्य के डीजीपी, पी डोंगल ने आंकड़े जारी न करने के पीछे सुरक्षा को कारण बताया है.

चुराचांदपुर में शुक्रवार को 7 लोगों की मौत हुई थी. इसमें तीन लोग कथित रूप से सुरक्षा बलों की गोली से मारे गए थे, जब मैतेई समुदाय के लोगों को सुरक्षित निकालने का विरोध करने पर सुरक्षा बलों ने फायरिंग करनी पड़ी थी.

इरोम शर्मिला ने महिलाओं से की अपील

इस बीच सिविल राइट एक्टिविस्ट इरोम शर्मिला चानू ने हिंसा रोकने के लिए महिलाओं से मणिपुर की महिलाओं से आगे आने को कहा है. आयरन लेडी के नाम से मशहूर इरोम शर्मिला ने पीटीआई से फोन पर बातचीत में कहा, “मणिपुर जल रहा है और मैं अपने लोगों का दर्द देखकर बहुत दुखी हूं. मैं सभी मैतेई और आदिवासियों से एकजुट होने और हिंसा को खत्म करने की अपील करती हूं. महिलाओं को ‘प्रकृति माता’ की तरह काम करना चाहिए और शांति लाने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करना चाहिए.”

इरोम शर्मिला ने कहा कि हिंसाग्रस्त राज्य और अधिक सुरक्षाबलों को भेजने से इसमें मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश से मणिपुर (Manipur) आने की अपील की.

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