बाढ सीट से जैसे ही भाजपा ने अपना उम्मीदवार बदला. राजद ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया और स्थानीय नेता कर्ण वीर सिंह यादव को सिंबल थमा दिया. दरअसल तेजस्वी यादव बाढ सीट से भाजपा के 20 साल से चले आ रहे जीत के सिलसिले को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. और इस बार कर्णवीर सिंह यादव को उतारकर काफी हद तक इस सीट के समीकरण को महागठबंधन के पाले में ले आए हैं.
जातीय समीकरण के हिसाब से ये सीट लंबे समय से राजपूत बहुल ही रही है लेकिन 2020 के चुनाव में कर्णवीर सिंह यादव के निर्दलीय उम्मीदवार होने की सूरत में iss सीट का समीकरण काफी हद तक गड़बड़ाया. हालांकि इस वक़्त भी भाजपा से ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ही जीते लेकिन मार्जिन बहुत अधिक नहीं था.
स्थानीय नेता की मांग और लल्लू मुखिया के नाम से प्रचलित कर्णवीर सिंह यादव का अपना क्षेत्र में असर, नाम और प्रभाव उन्हें मजबूत उम्मीदवार बनाया है.

आगामी 17 अक्टूबर को वो अपना नामांकन भरेंगे . स्थानीय लोगों से जब बात हुई तो हमें पता चला कि नामांकन रैली में 50000 से अधिक लोगों के शिरकत करने की संभावना है मतलब कल बाढ की ही नहीं बिहार की धरती अपने सबसे बड़े नामांकन रैली को देखेगी.

