उत्तरी कश्मीर में मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर स्थित एक सैन्य चौकी शुक्रवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर बलिदानी हो गए। बीते दो वर्ष दौरान Machhil में यह हिमस्खलन की दूसरी बड़ी घटना है। इससे पूर्व 14 जनवरी 2020 को इसी सेक्टर में हुए हिमस्खलन में 4 सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे।
यहां मिली जानकारी के अनुसार, आज दोपहर को सेना की 56 आरआर के जवानों का एक दल मच्छल सेक्टर में एलओसी के अग्रिम छोर पर नियमित गश्त पर निकला था। यह दल अलमोड़ा चौकी से आगे एक जगह विशेष पर बर्फ से ढकी पहाड़ी ढलान से गुजर रहा था कि अचानक हिमस्खलन हो गया। तीन जवान बर्फ के बड़े ताेदों (चट्टान) के नीचे दब गए। अन्य जवानोंं ने किसी तरह खुद को बचाया और उन्होंने उसी समय निकटवर्ती चौकी को सूचित कर दिया।
हिमस्खलन की सूचना मिलने के बाद मौसम साफ होते ही निकटवर्ती सैन्य शिविर एक बचाव दल अपने मौके पर पहुंचा। उसने अपने श्वान दस्ते और अत्याधुनिक सेंसरों के जरिए बर्फ में दबे जवानों का पता लगाने का अभियान चलाया और लगभग चार घंटे बाद तीनों जवानों को बर्फ के नीचे से निकाल लिया गया, लेकिन यह सभी अचेतावस्था में थे। बचावदल में शामिल सैन्य डाक्टरों ने इनकी जांच की और इन्हें मृत पाया।
तीनों बलिदानियों के पार्थिव शरीर हैलीकाप्टर के जरिए द्रगमुला स्थित सैन्य अस्पताल में पहुंचाए गए हैं।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने मच्छल में हिमस्खलन में डयूटी के दौरान तीन सैन्यकर्मियों के बलिदानी होने की पुष्टि की है। प्रवक्ता ने बताया कि 3 सैन्यकर्मी सौविक हाजरा, मुकेश कुमार और गायकवाड़ मनोज लक्ष्मण राव अपने अन्य साथियों संग अग्रिम इलाके में गश्त कर रहे थे। इस दौरान यह तीनों हिमस्खलन की चपेट में आकर बलिदानी हो गए।