चिदंबरम को जमानत या जेल, आज आएगा फैसला!

सीबीआई अदालत में आज तय होगा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की सीबीआई रिमांड खत्म होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजा जाएगा या जमानत मिलेगी। चिदंबरम ने मामले में अंतरिम जमानत मांगी है। उनकी सीबीआई रिमांड भी एक दिन के लिए बढ़ा दी है।  सीबीआई और ईडी ने एक अन्य अदालत से एयरसेल-मैक्सिस घोटाले से संबंधित मामलों में पी चिदंबरम और कार्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की मांग की है। जांच एजेंसी ने इन दोनों पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया है। 

सीबीआई ने चिदंबरम को तीन दिन की रिमांड अवधि खत्म होने पर अदालत के सामने पेश किया। वहां, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने आरोपी चिदंबरम की ओर से अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दी। सीबीआई ने इसका विरोध करते हुए अर्जी पर जवाब देने के लिए अदालत से समय की मांग की। 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (एसजी) ने कहा कि कानून की नजर में हर नागरिक एक समान है। उन्होंने दलील दी कि एजेंसी को इस पर नोटिस दिया जाना चाहिए जो कानूनन जरूरी भी है। स्पेशल सीबीआई जज अजय कुमार कुहार को जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में सूचित किया गया तो उन्होंने पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सोमवार को ही फैसला लिए जाने का कोई निर्देश दिया है। चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर यह साधारण केस होता तो सॉलिसिटर जनरल खुद यहां न होते। 
एसजी ने दलील दी कि जांच एजेंसी को जवाब देने के लिए वक्त न दिया जाना न्यायिक रूप से अनुचित होगा। उन्होंने इसके लिए अदालत से 10 दिन मांगे, जबकि सिब्बल बहस के लिए तैयार दिखे। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अनजान होने की बात कहते हुए इसे महज एक दिन के लिए टाल दिया। कहा कि वह मंगलवार को इस पर सुनवाई करेंगे। सिंघवी ने हालांकि उनसे कहा कि उनके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस दिन अंतरिम जमानत अर्जी के निपटारा करने या फिर रिमांड अवधि 5 सितंबर तक के लिए बढ़ा देने की बात कही। 
चिदंबरम केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि निचली अदालत उनकी ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सोमवार को फैसला लें। अगर अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है तो उनकी रिमांड अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी जाए। हालांकि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए और कहा कि अगर ऐसा किया जाता है तो यह जमानत की तरह होगा। तब अदालत ने आदेश में परिवर्तन करते हुए सीबीआई की दलील पर मंगलवार को सुनवाई का फैसला किया है। 
चिदंबरम की ईडी मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले से 5 सितंबर तक राहत दे रखी है और ऑर्डर सुरक्षित कर रखा है। चिदंबरम की ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बेंच के सामने दलील दी कि जब तक रिमांड के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक जेल न भेजा जाए। चिदंबरम को सीबीआई चाहे तो हाउस अरेस्ट कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया। सॉलिसिटर जनरल ने सीबीआई की ओर से कहा कि 14 दिन ही किसी को रिमांड पर लिया जा सकता है। ऐसे में चिदंबरम को एक दिन का रिमांड पर भेजा जाए और इसके लिए हम निचली अदालत से आग्रह करेंगे। सुप्रीम कोर्ट अब मंगलवार को सुनवाई करेगी। 

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