असम के नजरबंदी केंद्रों पर हमला कर लोगों को रिहा कराने का खुफिया अलर्ट

लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB) पास हो गया है। पूर्वोत्तर राज्यों, खासतौर पर असम और त्रिपुरा में कुछ संगठन इस विधेयक के पास होने का विरोध कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को अलर्ट मिला है कि असम में बने नजरबंदी केंद्रों पर हमला कर वहां रखे लोगों को रिहा कराया जा सकता है।
फ़िलहाल गोलपारा, कोकराझार, सिल्चर, डिब्रूगढ़, जोरहाट और तेजपुर में स्थापित किए गए नजरबंदी केंद्रों पर 970 विदेशी नागरिक घोषित हो चुके लोगों को रखा गया है। इसके लिए वहां पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। जम्मू कश्मीर से CRPF की 8 कंपनियां बुधवार को ही असम के लिए रवाना कर दी गई थीं।

पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति पर विचार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के CM सर्वानंद सोनोवाल से विचार विमर्श किया है। इसके अलावा उन्होंने उत्तर पूर्व के दूसरे राज्यों में भी कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की है। असम में स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है।

ऐसे अलर्ट मिले हैं कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध करने की आड़ में असम और दूसरे राज्यों के उपद्रवी नजरबंदी केंद्रों पर हमला कर सकते हैं। इन केंद्रों पर 646 पुरुषों के अलावा 324 महिलाओं को भी रखा गया है, इसलिए राज्य एवं केंद्र सरकार इनकी सुरक्षा के लिए ज्यादा चिंतित है। सुरक्षा के चलते नजरबंदी केंद्रों के आसपास वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है।

इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि असम के विद्रोही ग्रुप और दूसरे तोड़फोड़ वाले संगठन नजरबंद केंद्रों को भी अपना निशाना बना सकते हैं। वहां से लोगों को बाहर निकालने के खुफिया अलर्ट भी सरकार को मिले हैं।

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