कश्‍मीर पर अल-कायदा के बयान के पीछे पाकिस्‍तान की साजिश, हाई अलर्ट पर खुफिया एजेंसियां

देश की खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि वैश्विक जिहाद पर अल कायदा का हालिया बयान जिसमें कश्मीर भी शामिल है पाकिस्तान की खुफि‍या एजेंसी आईएसआई के इशारे पर दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि कश्मीर को आजाद कराने की बात करना काफी खतरनाक है क्योंकि यह तालिबान के एजेंडे में कभी नहीं था। इससे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों का मनोबल बढ़ेगा।

सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी अल-कायदा के बयान का विश्लेषण कर रहे हैं जो न केवल भारत के लिए वरन मध्य एशिया और पाकिस्तान के कई हिस्सों के लिए भी काफी चिंताजनक है। गौर करने वाली बात यह भी है कि बयान में जिहाद के जरिए मुक्ति के लक्ष्यों में रूस के चेचन्या और चीन के झिंजियांग का उल्लेख नहीं किया गया था। बयान के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का अंदेशा है।

मौजूदा वक्‍त में भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान से लगती सीमा पर हाई अलर्ट पर हैं। यही नहीं भारतीय सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि अफगानिस्‍तान में आतंकियों के अमेरिकी हथियारों पर कब्‍जा करना बेहत चिंताजनक है। सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सभी हितधारकों के साथ हालात पर चर्चा की है।

सूत्रों ने बताया कि इस बात के संकेत मिले हैं कि तालिबान के अफगानिस्तान की सत्‍ता पर काबिज होने के बाद पाकिस्‍तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने अपने आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में धकेलने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मौजूदा वक्‍त में पाकिस्तान में लांचिंग पैड के पास गतिविधियां तेज हो गई हैं जो घुसपैठ में बढ़ोतरी का संकेत दे रही हैं…

मालूम हो कि 30-31 अगस्त की दम्‍यानी रात को अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के एक दिन बाद अल कायदा ने एक बयान जारी किया था। इसमें उसने कश्मीर समेत कथित इस्लामिक भूमि को मुक्त कराने के लिए वैश्विक जिहाद का आह्वान किया था। पूरे अफगानिस्‍तान को अपने नियंत्रण लेने के लिए तालिबान को बधाई देते हुए अल-कायदा ने कहा था कि अब इस्लाम के दुश्मनों के चंगुल से सीरिया, सोमालिया, यमन, कश्मीर और बाकी इस्लामी भूमि को आजाद कराना है।

हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें सीमा पार आतंकियों की गतिविधियों में बढ़ोतरी की बात कही गई थी। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेताओं और तालिबान नेताओं के बीच अगस्त के तीसरे हफ्ते के दौरान कंधार में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने भारत-केंद्रित अभियानों में तालिबान का समर्थन मांगा था। इस इनपुट के बाद बाद देश की खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी किया था।

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