देश में कोरोना संकट के बीच बीते शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडरों के साथ हाई लेवल मीटींग की, और ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस कोरोना संकट के दौरान देश विरोधी अराजक तत्व अपने नापाक मंसूबो में कामयाब न होने पाएं। इसलिए सशस्त्र बलों के शीर्ष के सभी कमांडरों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए। शुक्रवार हुई बैठक के विषय में अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की, और साथ ही सशस्त्र बलों को इस संकट की घड़ी में खर्च पर नियंत्रण करने को कहा। इसके अलावा देश की अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए वित्तीय संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित करने की बात कही।
आपको बता दें इस हाई लेवल मीटींग के दौरान राजनाथ सिंह को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ ही चीन से लगी 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा की स्थिति ब्योरा दिया। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अधिकारियों के साथ हिंद महासागर के क्षेत्रों की स्थिति पर भी चर्चा की और वहां की विस्तृत जानकारी हासिल की। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चर्चा हुई। वहीं अधिकारियों ने कहा कि जहां इस वक्त सभी का ध्यान कोरोना संकट से निपटने पर लगा है तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर लगातार संघर्ष-विराम का उल्लंघन कर रहा है। इतना ही नहीं लगातार पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के घुसपैठ का सिलसिला जारी है।
आपको बता दें इस हाई लेवल मीटींग में नौसेना प्रमुख के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव अजय कुमार और सचिव रक्षा गार्गी कौल ने भी मौजूद रहे।