संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू होते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने पेगासस फोन हैकिंग रिपोर्ट के सामने आने पर संदेह जताया है. शाह ने कहा कि इसके लीक होने के पीछे किसी बड़ी साजिश का इशारा है. अमित शाह ने कहा, कुछ लोग देश के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं. उनका मकसद भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना है. लेकिन, इन ताकतों के मंसूबों को सरकार सफल नहीं होने देगी. मानसून सत्र देश में विकास के नए पैमाने स्थापित करेगा.
शाह ने कहा, ‘देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मानसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित किया जाए. लोगों को क्रोनोलोजी समझनी चाहिए कि यह भारत के विकास में विघ्न डालने वालों की भारत के विकास के अवरोधकों के लिए एक रिपोर्ट है.’
सत्र के पहले ही दिन सदन में कांग्रेस के हंगामे पर शाह ने कहा कि वह अपना जनाधार व राजनीतिक महत्व खो चुकी है. साथ ही कहा कि कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है. शाह ने कहा कि वह देशभर के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है, वह है ‘राष्ट्रीय कल्याण’ और सरकार इसे हासिल करने के लिए काम करती रहेगी चाहे कुछ भी हो जाए.
क्या है पेगासस मामला?
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों.
शाह ने कहा कि जो लोग भारत को प्रगति पथ से उतारने की मंशा रखते हैं, वे देश के बारे में वही पुरानी बातें दोहरा रहे हैं. कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को उछालना अप्रत्याशित नहीं है.

