अगर आप फल, फूल और सब्जियां लगाने के शौक़ीन हैं तो आपको राजभवन लॉन में शुरू हुई तीन दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 में जरूर पहुंचना चाहिए। यहाँ आपको हर जिले के विशेष फल, सब्जियां और फूल देखने को मिलेंगे। यहाँ फूलों और सब्जियों से कई जगह विभिन्न तरह की कलाकृतियाँ बनाई गयी हैं जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। आम जनता के लिए हर साल राजभवन लॉन में लगने वाली प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2021 का शुभारम्भ छह फरवरी को हुआ। छह से आठ फरवरी तक लगने वाली इस प्रदर्शनी में राज्यभर के किसान, कृषि विशेषज्ञ एवं फल उत्पादक किसान शामिल हो रहे हैं। इस दौरान फल एवं सब्जी के प्रयोग से बनने वाले अचार, सॉस तथा जैम के निर्माण का आसान तरीका भी लोगों को बताया जा रहा है। यहाँ सफल किसानो और हुनरमंद लोगों को अपने उत्पाद बेचने का भी मौका मिला है।

25-30 किलो से भी ज्यादा वजन वाले भारी-भरकम कद्दू, 4 से 5 किलो वजन वाले फुटबॉल के आकार के बेल के फल, 15-20 किलो वजन वाली मूली, एक फीट से अधिक लंबी गाजरें तो सुपारी से लेकर सेब के आकार के बेर और भारी भरकम पान के पत्ते। राजभवन में शनिवार से शुरू हुई फल, शाकभाजी और पुष्प प्रदर्शनी में बाहरी जनपदों से आए फल सब्जी के ऐसे उत्पाद देख लोग रोमांचित हो उठे। तमाम उत्पादों के साथ बच्चे और बड़े रह-रह कर सेल्फी लेते रहे। प्रदर्शनी का उद्घाटन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, CM योगी आदित्यनाथ ने किया। स्टॉल भ्रमण के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने बागवानी की जानकारियां देती स्मारिका का विमोचन किया। प्रदर्शनी का आकर्षण दर्जनों किस्मों के फूलों से बने बड़े गुलदस्तों के अलावा धतूरे से तैयार कोरोना कृति, फूलों से बनी राम दरबार की पुष्प झांकी रही। दिनभर यहां बागवानी के शौकीनों ने फूल, फल, सब्जी, फूल से बने मॉडल के 5 हजार से अधिक प्रदर्शों के दीदार किए। प्रदर्शनी 8 फरवरी तक चलेगी।

प्रदर्शनी में 23वें साल प्रतिभाग कर रही चारबाग की वरिष्ठ नागरिक मंजू वर्मा के गमलों में उगाए गए सब्जी के प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहे। गमलों में कई प्रकार की शिमला मिर्च, बैंगन, कद्दू, हरी मिर्च, पत्ता गोभी आदि उगाने वाली मंजू वर्मा ने बताया कि गमलों में उत्पाद उगाने की उनकी प्रक्रिया हर साल सितंबर, अक्तूबर में शुरू हो जाती है। फरवरी के इस समय तक गमलों में काफी मात्रा में हर प्रकार की सब्जी तैयार हो जाती है। घर पर 400 से अधिक गमले छत पर रखे हुए हैं, जिनमें कई प्रकार की सब्जी है।

फूलों से तैयार राम दरबार की पुष्प झांकी के साथ लगभग हर दर्शक और मेहमान ने सेल्फी खिंचवाई। इसके अलावा कुंभ मॉडल, शंख, शिवलिंग, महात्मा बुद्ध के पुष्प मॉडल भी लोगों ने सराहे। शहर की रामलीला में चार दशक से रावण बन रहे विष्णु त्रिपाठी लंकेश ने राम दरबार के सामने खड़े होकर राम स्तुति भी की। एक दशक से भी अधिक समय से प्रदर्शनी में आ रहीं अल्पना राठी ने बताया ऑफ सीजन होने के चलते धतूरे से बने कोरोना मॉडल को तैयार करने में काफी मेहनत करनी पड़ी। मॉडल तो 20 घंटे से अधिक समय में बन गया, लेकिन लगभग 25 सौ से अधिक धतूरे के फल को एकत्र करने में पूरी टीम को 10 दिन से अधिक समय लगा। रेल लाइन, ग्रामीण कस्बों की झाड़ियों में जाकर टीम ने इन्हें बड़ी मुश्किल से खोजकर इकट्ठा किया।

प्रदर्शनी के एक जोन में फूल और फलों से बने मॉडल्स भी दर्शकों ने देखे। अखरोट और अंजीर से बने उल्लू के अलावा फल-सब्जी से मिलकर बनाए गए खरगोश को भी लोगों ने पसंद किया। कई मॉडल कोरोना, जल संरक्षण थीम पर भी प्रदर्शनी में दिखे। प्रदेशभर के कारागार से आई विशालकाय आकार की सब्जियों के अलावा शाकभाजी स्टॉल में हरीश अग्निहोत्री के उगाए कई किस्मों के मशरूम के बारे में भी लोगों ने जानकारियां जुटाई। सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के स्टॉल पर मशरूम से तैयार उत्पाद भी लोगों ने बहुत पसंद किए।
खिली-खिली धूप में राजभवन के पार्क में सैर और बगीचे में फूल से बने कंगारू, जिराफ, ऊंट, बाघ मॉडल के साथ सेल्फी ने दर्शकों को घंटों तक परिसर में ही रोके रखा। खिले मौसम में राजभवन परिसर की सैर के साथ दर्शक परिसर में जगह-जगह सेल्फी के साथ यादें संजोते रहे।
प्रदर्शनी में धनवन्तरी वाटिका राजभवन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, एनबीआरआई, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी अनुसंधान संस्थान रहमान खेड़ा, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, मेरठ, बांदा, बनारस के भी संस्थानों के स्टॉल लगे। बांदा के स्टॉल पर बांस के बने कप लोगों ने खूब पसंद किए।