15 मई को कोरोना का पीक… IIT की रिपोर्ट का जिक्र कर दिल्ली HC ने पूछा- सुनामी से निपटने को क्या है तैयारी?

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देशभर के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। दिल्ली में कोरोना महामारी के वर्तमान हालातों पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शनिवार को आईआईटी की उस स्टडी का जिक्र किया, जिसमें मई के मध्य में दूसरी लहर का पीक आने की बात कही गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दूसरी लहर को सुनामी बताते हुए कहा कि एक्सपर्ट्स की मानें तो अभी खराब स्थिति आनी बाकी है, क्योंकि पीक मिड मई तक आ सकता है। जस्टस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मई के मध्य तक आने वाले संभावित पीक को लेकर की गईं तैयारियों के बारे में पूछा।

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, ”एक अन्य पहलू भी है, जोकि कागजों पर है। आईआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, मिड मई तक पीक आएगा। यह एक सुनामी है। हम कैसे क्षमता का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं? हम मिड मई में इससे निपटने के लिए कैसे तैयारी कर रहे हैं?” हाई कोर्ट ने आगे कहा कि अनुमान क्या हैं, हम जानते हैं कि इस बीमारी में मृत्यु दर कम है … अंतत: कुछ लोगों की मृत्यु हो जाएगी। यह अच्छा नहीं है कि जो लोग बचाए जा सकते हैं, हम उन्हें भी खो रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि जिन लोगों को बचाया जा सकता है, उन्हें बचाया जाए। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार, दोनों से कहा है कि वे रिसोर्सेज जैसे- बेड्स, दवाएं, डॉक्टर्स आदि के बारे में देखें क्योंकि एक्सपर्ट्स का दावा है कि वर्तमान लहर का पीक अभी आना बाकी है।

केंद्र की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि केंद्र सरकार पहले से ही जरूरत की चीजों को लेकर चिंतित है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बेड्स की संख्या बढ़ाए जाने के अलावा, 50 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन को इम्पोर्ट करने का फैसला लिया गया है। साथ ही ऑक्सीजन का प्रोडक्शन भी बढ़ाया जा रहा है। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर पिछले कुछ दिनों से अस्पताल लगातार याचिका दायर कर रहे हैं। महाराजा अग्रसेन अस्पताल और बत्रा अस्पताल, सरोज और जयपुर गोल्डन अस्पताल ने अर्जी लगाते हुए ऑक्सीजन की सप्लाई की मांग की है।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक अस्पताल के वकील ने कहा कि हमारे पास सिर्फ पांच मिनट की ही ऑक्सीजन बची हुई है। जब सुनवाई शुरू हुई थी, तब हमारे पास दो घंटे की ऑक्सीजन सप्लाई शेष थी। यह एक एसओएस कॉल है। वहीं, इसी तरह की पहले एक सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया था कि दिल्ली को 480 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी। हालांकि, यह भी बताया गया है कि मांग में बढ़ोतरी होने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन की समस्या आ रही है, क्योंकि क्रायोजेनिक टैंकर्स ज्यादा संख्या में उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त तेवर दिखाते हुए यह भी कहा है कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन में कोई अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई में अड़चन डाल रहा है, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं, उसे फांसी पर लटका देंगे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1