बिहार की खबर लिखी जाये और राजनीती की बात न हो, ऐसा शायद ही मुमकिन हो। इस बार चुनावी चक्कलस करने पहुंची हमारी टीम बाढ़ क्यूंकि यहाँ होने हैं नगर परिषद् के चुनाव। चुनावी सरगर्मी के मौसम में यहाँ मुकाबला दिलचस्प है, कोई अपनी डिग्री को नाम के साथ लगाना पसंद करता है, तो कोई भाई जान कहलाना। कोई धार्मिक आधार पर पुरे क्षेत्र को बांटता दिख रहा है तो कोई गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल लिख रहा है।
फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार जोरों पर है, अध्ययन से पता चलता है की कोई अपने चुनिंदा चेहरों के साथ ही घर घर घूम रहा है तो कोई अकेला ही निकल पड़ता है, काफिला खुद बन जा रहा है। इस बात की गवाही, सोशल मीडिया पर तैरती तस्वीरों में भली भाती कर रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट की बात की जाये तो मुकाबले में 18 प्रत्याशी हैं, लेकिन मुकाबले में सबपर बीस साबित हो रहे हैं मोहम्मद मोख्तार आलम। जहाँ एक तरफ सभी प्रत्याशी अपने 5-6 प्रशंषकों से घिरकर घर घर जा रहे हैं वहीँ मोख्तार आलम अकेले ही मोटरसाइकिल से जनसम्पर्क में जुटे हैं, गौरतलब बात यह है की बिना किसी तामझाम के भी हुजूम इनका स्वागत करता दिख रहा है।
आगामी 10 अक्टूबर को सभी प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो जाएगी, उससे पहले हमें टाइपराइटर का शोर, कुकर की सीटी, रेल इंजन की गड़गड़ाहट और मोटरसाइकिल का शोर खूब सुनने को मिलेगा। जब स्थानीय संवाददाता ने मोख्तार आलम से बात की तो बड़े ही शांतचित भाव में बस यही जवाब मिला की “10 को टमटम बिना शोर के और बिना प्रदुषण के विकास के पथ पर चल पड़ेगा। हम वादे नहीं इरादे लेकर आये हैं, जो कहते हैं उसे पूरा करने की नीयत और नीति साथ रखते हैं।”

बाकी प्रत्याशियों की बात की जाये तो सभी लोग मंदिरों, पंडालों और देवस्थानों में कसम खाते देखे जा सकते हैं। अपने वादों को कैसे पूरा करेंगे इसकी कोई प्लानिंग है ही नहीं, शायद चुनाव के बाद अगर जीते तो 5 साल आराम करेंगे।
इस खास बातचीत का वीडियो जल्द ही पब्लिश किया जायेगा। NVR24 सभी से अपील करता है की 10 अक्टूबर को अपने मत का उपयोग जरूर करें चूँकि यह आपका अधिकार भी है और कर्तव्य भी।