भारत-चीन के बीच सुलह बेनतीजा, LAC पर 30 किमी की दूरी पर डटी हैं दोनों देशों की फौज

LAC के आसपास भारत और चीन की सेनाएं अपने-अपने मोर्चे पर डटी हैं। चीनी पक्ष की ओर से किसी प्रकार की नरमी के संकेत नहीं हैं और वहां की सेना लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। भारतीय क्षेत्र से सटे इलाकों में चीनी सैनिक अर्टिलरी और आर्मर्ड यूनिट तैनात कर रहे हैं। ये वो इलाके हैं जहां से भारतीय सीमा की दूरी महज कुछ घंटे में तय की जा सकती है।

हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। खासकर फिंगर फोर का इलाका जहां बड़ी संख्या में चीनी सैनिक जुट गए और उस पूरे इलाके पर अपना दावा करने लगे। वहां की सड़क और झील का इस्तेमाल करते हुए चीन ने अपनी सेना उस इलाके में भेजी है।

सूत्रों ने बताया कि दोनों ओर से कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। यहां तक कि दोनों देशों में कमांडिंग ऑफिसर और ब्रिगेड स्तर के अधिकारियों के बीच बात हो चुकी है। इस विवाद पर मई के पहले हफ्ते से वार्ता चल रही है। आगे इस हालात का समाधान निकालने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता होने वाली है। एक सूत्र ने कहा, ऐसा लगता है कि चीनी सेना जानबूझ कर बातचीत टाल रही है ताकि उस इलाके में जमावड़ा लगाने का ज्यादा वक्त मिले। चीनी सेना ने उस पूरे इलाके में अर्टिलरी और आर्मर्ड यूनिट तैनात की है।

सूत्रों ने कहा कि चीन के जवाब में भारत ने भी अपनी फौज लगाई है। लद्दाख सेक्टर के कई इलाकों में ऊंचाई पर सैनिकों की तैनाती की गई है। चीन के 5 हजार सैनिकों के जवाब में भारत ने भी अपनी फौज खड़ी की है। सूत्रों का कहना है कि जिन-जिन इलाकों में चीनी सैनिक घुसे हैं, उनके सामने भारतीय फौज डटी है और उन्हें किसी भी दिशा में मूव करने से रोका जा रहा है। भारतीय सीमा में घुसने की उन्हें कोई इजाजत नहीं है।

लद्दाख क्षेत्र में चीन की मंशा बड़े स्तर पर घुसपैठ करने की थी, लेकिन भारतीय फौज ने उनके इरादे पर पानी फेर दिया। हाल की बातचीत में चीन ने लद्दाख सेक्टर में सैन्य जमावड़े का विरोध किया है, खासकर डीबीओ सेक्टर में। यह सेक्टर काराकोरम सेक्टर के नजदीक पड़ता है जहां से भारत और चीन के बीच LAC की शुरुआत होती है।

भारत ने भी अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह तब तक शांत नहीं बैठेगा, जब तक कि पैंगोंग झील, गलवां घाटी और लद्दाख के अन्य क्षेत्रों में पहले वाली स्थिति बहाल नहीं हो जाती है। इस विवादित क्षेत्र में भारतीय वायुसेना बड़ी गहन हवाई गश्त कर रही है।

सूत्रों ने कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा के संबंध में कोई समझौता नहीं किया जाएगा, जबकि भारत शांति में विश्वास करता है, यह अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए दृढ़ और संकल्‍पबद्ध है। यह भारत और चीन के बीच चार या इससे अधिक बार समझौतों की भावना से परिलक्षित हुआ है, जिसमें ऐतिहासिक रूप से सीमा प्रबंधन के लिए तंत्र (मैकेनिज्‍म) का गठन किया है।

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