हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) का मुख्यमंत्री चुनने के लिए शिमला में हो रही कांग्रेस (Congress) विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है। अब पर्यवेक्षक विधायकों से एक वन टू वन बात कर रहे हैं। इस दौरान एक लाइन का प्रस्ताव पास कर आलाकमान को सीएम नामित करने का अधिकार दिया जाएगा। बता दें, मुख्यमंत्री की रेस में सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री, और राजेन्द्र राणा आगे हैं।
गौरतलब है कि पार्टी का मत है कि मुख्यमंत्री विधायकों में से ही होना चाहिए। इन नेताओं को लगता है कि प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने पर दो उप-चुनाव कराने पड़ेंगे। एक लोकसभा का, दूसरा विधानसभा का। ऐसे में जब मंडी में 10 में से 9 सीट कांग्रेस (Congress) हार गई तो तुरंत उप-चुनाव में उतरना ठीक नहीं होगा। क्योंकि, अगर कहीं हार गए तो जो माहौल बना है वह बिगड़ सकता है। प्रतिभा को संभालने के लिए उनके बेटे विक्रमादित्य को मंत्रिमंडल में बड़ा ओहदा दिया जा सकता है।
प्रतिभा सिंह का यह दावा खारिज
आलाकमान के सूत्र प्रतिभा सिंह के 25 विधायकों के समर्थन के दावे को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उनके मुताबिक, व्यक्तिगत तौर पर सुक्खू के साथ ज्यादा विधायक हैं। विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास करके मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया जाएगा और सीएम (CM) के नाम पर अंतिम मुहर दिल्ली में लगेगी। सुक्खू के नाम पर भरोसा ज्यादा है। लेकिन, अंतिम फैसला गांधी परिवार का माना जाएगा। प्रतिभा सिंह के समर्थक कर रहे हंगामा
कांग्रेस के लिए इस चुनाव सीएम (CM) के नाम को लेकर इसलिए पेंच फंस सकता है क्योंकि, प्रतिभा सिंह के समर्थक उनको सीएम बनाने के लिए लगातार हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं। जबकि, सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक विधायक भी अलग बैठक कर आगे की रणनीति बना रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि दोनों नेता दबाव की राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में इन दो नेताओं के अलावा कुलदीप सिंह राठौर, मुकेश अग्निहोत्री और सुधीर शर्मा का नाम भी है। कांग्रेस आलाकमान को जल्दी फैसला लेना होगा वरना राजस्थान जैसे हालात हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी बन सकते हैं।