वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया। मोदी सरकार का बजट का सामने आने के बाद टीवी चैनलों और जनता की चौपालों में बजट पर चर्चा शुरू हो गयी है। विपक्ष जहां बजट को निराशाजनक बता रहा है, वहीं बाजार में कुछ खास उत्साह देखने को नहीं मिला।
इसी क्रम में शनिवार देर शाम लखनऊ के व्यापारियों ने बजट पर चर्चा की। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल एवं फिक्की ने ‘बजट चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें व्यापारियों और उद्योगपतियों ने बजट का सजीव प्रसारण देखा। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने हमें बजट से काफी आशा थी, लेकिन व्यापारियों के लिए इसमें कुछ खास नहीं है। संजय गुप्ता ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि रिटेल व्यापार को बचाने के लिए वित्त मंत्री एफडीआई की नीतियों में परिवर्तन करेंगी, बैंक की ब्याज दरों में कमी होगी, मुद्रा लोन योजना एवं व्यापारी पेंशन योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। व्यापारियों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान योजना में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई।

व्यापारी नेता ने कहा कि ऑडिट सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ तक करना अच्छा कदम है। लेकिन देश की बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी भारतीय जीवन बीमा को आईपीओ के माध्यम से बेचने व शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई का निर्णय अनुचित है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए छोटे कदम उठाए गए हैं जो स्वागत योग्य हैं। लेकिन इससे ज्यादा की जरूरत थी, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है। रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए जाने चाहिए थे।
बजट चर्चा कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश कोषाध्यक्ष मोहम्मद अफजल, संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश त्रिपाठी, संगठन के लखनऊ महामंत्री संजय त्रिवेदी, मोहम्मद आदिल, युवा इकाई के अध्यक्ष आशीष गुप्ता, मसीह उज्ज जमा गांधी, राजीव शुक्ला, इंडर गांधी, महिला अध्यक्ष अनिला अगरवाल, सुनीता राय, अशोक भाटिया, एलके झुनझुनवाला सहित अनेक व्यापारी, उद्योगपति चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि शामिल थे।

