देश को टुकड़ों में बांट देने जैसा विवादित भाषण देने के बाद छिपते फिर रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को पुलिस ने आखिरकार दबोच लिया है। असम को भारत से अलग करने के भड़काऊ बयान के बाद शरजील चर्चा में आया था। बताया जा रहा है कि शरजील को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया है। इससे पहले उसके भाई को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। शरजील की गिरफ्तार के बाद उसके वकील ने कहा है कि शरजील ने पहले सरेंडर किया है, फिर उसे गिरफ्तार किया गया है। शरजील के खिलाफ पांच राज्यों में केस दर्ज हैं।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दावा किया था कि शरजील जल्द ही मिल जाएगा। उसकी तलाश के लिए गठित पांच टीमों ने मुंबई, दिल्ली, पटना के कई इलाकों में छापेमारी की। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के ही एक आला-अफसर ने सोमवार रात कहा था, ‘वह पुलिस के रेडार से गायब हो चुका है। चिंता है कि नेपाल न निकल गया हो। नेपाल चला गया तो उसे भारत लाने में बहुत पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। क्योंकि तमाम कानूनी अड़चनों से सामना करना होगा।’
शरजील का परिवार मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के काको का रहने वाला है। शरजील के पिता अकबर इमाम जेडीयू नेता थे। कुछ साल पहले उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो चुका है। सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहे अकबर इमाम ने साल 2005 में जहानाबाद सीट से जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, जेडीयू की गठबंधन सहयोगी होने के नाते उस चुनाव में उन्हें बीजेपी का भी साथ मिला था। हालांकि वह आरजेडी के उम्मीदवार सच्चिदानंद राय से 3000 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे।
“हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से कट कर ही सकते हैं। रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि उनको एक महीना हटाने में लगेगा…जाना हो तो जाएं एयरफोर्स से। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है।”
पिता अकबर इमाम के निधन के बाद शरजील के छोटे भाई मुजम्मिल इमाम ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। वह काफी वक्त तक जेडीयू से जुड़ा रहा। कुछ महीने पहले जेडीयू छोड़ चुका मुज्जमिल भी CAA के विरोध में काफी सक्रिय है। वह भी पटना, जहानाबाद समेत कई जगहों पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल रहा और लोगों को इसके विरोध में लामबंद करने में जुटा है।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के इसी आला-अफसर ने सोमवार को दावा किया था कि 25 जनवरी 2020 को शाम करीब 7-8 बजे के बीच फरार शरजील इमाम को बिहार के फुलवारी शरीफ में एक मीटिंग में आखिरी बार देखा गया था। उसके बाद से ही वह पुलिस के रेडार से गायब था।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा सूत्रों के मुताबिक हमारी टीमें इस इंतजार में थीं कि शरजील हमारी नजरों में ही है। बस जैसे ही मुकम्मल वक्त और जगह हाथ आई, उसे पकड़ लेंगे। मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने आधिकारिक बयान में बताया, ‘ऐसा नहीं है कि वह हमारी हद से दूर है। जल्दी ही वह हमारे शिकंजे में होगा। उसके संभावित अड्डों पर लगातार छापे मारे जा रहे हैं।’