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अमित शाह देंगे लालू-नीतीश की एकजुटता को चुनौती, जानिए लोकसभा की 4 सीटों का सियासी समीकरण

जपा और जदयू के रास्ते अलग-अलग हो जाने के बाद अमित शाह (Amit Shah) के अभियान की शुरुआत सीमांचल से होने जा रही है तो इसका संकेत भी शीशे की तरह साफ है कि बिहार में महासंघर्ष के ग्रह-नक्षत्रों का संयोग बन चुका है। बिखरे विपक्ष को एक मंच पर लाकर भाजपा (BJP) को चुनौती देने की कोशिश में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एवं लालू प्रसाद हैं तो उनका प्रतिरोध करने के लिए अमित शाह (Amit Shah) भी तैयार हैं। बांग्लादेश और नेपाल की सीमा से सटे बिहार के सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें हैं-किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया। इनमें से सिर्फ एक पर भाजपा का कब्जा है। 3 सीटें महागठबंधन के पास हैं। हालांकि महीने भर पहले तक उल्टा गणित था। एनडीए (NDA) के पास तीन और महागठबंधन के पास मात्र एक सीट थी। जदयू ने गठबंधन बदलकर अंक गणित को उलट दिया है।


सीमांचल में भाजपा की राजनीति के अनुकूल हैं कई मुद्दे

बिहार में सबसे ज्यादा मुस्लिम इसी इलाके में रहते हैं। प्रदेश में 16 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। सीमांचल के 4 लोकसभा क्षेत्रों में 30 से लेकर 70 प्रतिशत आबादी इसी समुदाय की है। भाजपा (BJP) की राजनीति के अनुकूल मुद्दे भी कई हैं। सबसे बड़ा रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा है। आबादी के हिसाब से अगर गोलबंदी हुई तो दोनों खेमों के लिए यह उर्वर क्षेत्र साबित हो सकता है। दोनों ओर से प्रयास भी उसी के अनुरूप किया जा रहा है।


इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम की भी उपस्थिति कमजोर नहीं रहने वाली है। विधानसभा चुनाव में सीमांचल में 5 सीटें जीतकर ओवैसी ने इसका अहसास भी करा दिया है। यह अलग बात है कि बाद में उनके 4 विधायकों को राजद ने अपने पाले में करके ओवैसी के प्रयासों को झटका दिया है। किंतु इससे भी इन्कार नहीं कि हैदराबाद के बाद सीमांचल में एमआइएम का बड़ा आधार तैयार हो चुका है। लोकसभा चुनाव में भाजपा, महागठबंधन और एआइएमआइएम के बीच त्रिकोण बनने के पूरे आसार हैं।


भाजपा ने बढ़ाई गतिविधियां

बिहार (Bihar) में भाजपा (BJP) के सत्ता से बेदखल होने और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की एकजुटता के प्रयासों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहली बार सीमांचल के दौरे पर आ रहे हैं। 23 सितंबर को आएंगे। 2 दिन रहेंगे। जनसभा करेंगे और बिहार भाजपा (BJP) के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रीति-नीति भी तय करेंगे। इसके पहले भाजपा (BJP) ने सीमांचल में गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अमित शाह (Amit Shah) से पहले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, साध्वी निरंजन ज्योति एवं बिहार भाजपा (BJP) के कई बड़े नेताओं के दौरे हो चुके हैं।

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