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कांग्रेस ने लगाया संसद में विरोध प्रदर्शनों पर रोक का आरोप, ओम बिरला बोले- ये रुटीन प्रोसेस

OM Birla on Parliament Protest: संसद (parliament) में असंसदीय शब्दों पर उठा विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ है और आज एक नया विवाद सामने आ गया। कांग्रेस नेता और पार्टी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश (Jairam Ramesh) के एक ट्वीट से ये बवाल शुरू कर दिया है। रमेश ने राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी एक बुलेटिन का हवाला देते हुए ट्विटर के ज़रिए केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अब संसद भवन के भीतर विरोध और धरना प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।

हालांकि पड़ताल में पता चला कि लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से इस तरह का बुलेटिन जारी किया जाना कोई नई बात नहीं है। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि इसी साल 31 जनवरी को शुरू हुए बजट सत्र की शुरुआत से पहले भी इस तरह का नोटिस दिया गया था। वहीं पिछले साल नवंबर में शुरू हुए शीतकालीन सत्र और जुलाई में शुरू हुए मॉनसून सत्र से पहले भी ऐसा नोटिस दिया गया था।

इन नोटिसों के बावजूद पिछले तीनों सत्रों में विपक्षी नेताओं ने बिना किसी रोक टोक के संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। ऐसे ही कुछ विरोध प्रदर्शनों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा 2009 और 2013 में यूपीए सरकार के दौरान भी ठीक इसी तरह के नोटिस जारी किए गए थे। वहीं इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कहा कि ऐसे नोटिस पहले भी जारी किए जाते रहे हैं। बिरला ने विपक्ष को बिना तथ्यों के आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाने की नसीहत भी दी है।

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