Rahul Gandhi: मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की सजा पर रोक लगा दी. कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले के बाद जश्न मनाना शुरू कर दिया. वहीं शीर्ष अदालत के फैसले पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है और यह उम्मीद अभी बाकी है कि न्याय मिल सकता है. इस दौरान खड़गे ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे थे. अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा, “यह केवल राहुल गांधी की ही जीत नहीं है बल्कि यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है. साथ ही यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है.’’
इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि केस में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को आदेश दिया.
क्या था मामला?
गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई टिप्पणी पर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.
कोर्ट के फैसले के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वहीं गुजरात हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस नेता ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.