बजट में अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने और नौकरियां बढ़ाने के लिए सरकार क्या प्रयास करती है, इसपर सबकी निगाहें हैं। इस बीच हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 7.1% के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। रिसर्च में सामने आया कि देश में बीते पांच सालों में 3.64 करोड़ नौकरियां सिर्फ 7 प्रमुख सेक्टर्स में ही जा चुकी हैं। इनमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल हैं। सर्वाधिक 3.5 करोड़ नौकरियां TEXTILE सेक्टर की हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि सरकारी प्रयास और जीडीपी ग्रोथ की उम्मीद के बीच करीब 5.3 करोड़ से अधिक नई नौकरियां अगले पांच साल में आएंगी।
क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुख्य संरक्षक राहुल मेहता बताते हैं कि टेक्सटाइल सेक्टर में अलग-अलग कारणों से पिछले पांच सालों में करीब 3.5 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। हालांकि अब स्थितियां सुधर रही हैं और अगले 5 सालों में इतने ही नए रोजगार आ जाएंगे। वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार कहते हैं कि देश में जॉब लॉस जैसी बात नहीं है। नए जॉब ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी अवश्य हुई है। केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया है। निवेश भी बढ़ेगा। इससे जॉब आएंगे।
देश की प्रमुख जॉब मुहैया करवाने वाली कंपनी टीमलीज की को-फाउंडर ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि देश में टेलीकॉम, ऑटो, मोबाइल, इंफ्रा, जेम्स एंड ज्वैलरी और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में अवश्य नौकरियां घटी हैं लेकिन यह कितनी घटी हैं कह पाना मुश्किल है। मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव कहते हैं कि नौकरी चक्रीय होती है। जैसे- एक कार बिकती है तो कार ड्राइवर, पेट्रोल वाले, स्पेयर पार्ट्स, इश्योरेंस आदि से करीब 5 लोगों को रोजगार मिलता है। हम प्रतिवर्ष 15-16 लाख कार बनाते हैं। उम्मीद है रोजगार बढ़ेगा।