विश्वविद्यालय पदाधिकारियों ने निर्लजता की सारी सीमाएं दी तोड़

विश्वविद्यालय पदाधिकारियों ने निर्लजता की सारी सीमाएं तोड़ दी विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर पार्थिव शरीर को नहीं पहुंचे श्रद्धांजलि देने पदाधिकारी।

छात्र जदयू पूर्णिया के जिला महासचिव अंकित झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय के 49 कर्मचारियों में से एक कर्मचारी राम सहित मंडल जी के हृदय गति रुक जाने के कारण मृत्यु को लेकर काफी मर्माहत हूं। वही विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा  आर्थिक , शारीरिक एवं मानसिक रूप से  प्रताड़ना के कारण जब  शिक्षकेतर कर्मी  रामसोहित मंडल इस दुनिया को अलविदा हो गए हैं ।तब उनका पार्थिव शव शरीर को सुबह करीब 10:00 बजे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर लाया गया तब उनके पार्थिव शरीर पर सभी लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। एवं उनकी आत्मा को शांति प्रदान हेतु ईश्वर से कामनाए भी किए। लेकिन दुख की बात तो  यह कि  विश्वविद्यालय  के एक भी पदाधिकारी गण इन के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करने को दूर देखने तक को नहीं आए। इससे साफ जाहिर होता है कि विश्वविद्यालय पदाधिकारियों ने निर्लजता की सारी सीमाएं तोड़ दिए। उन लोगों ने इतना भी जरूरी नहीं समझा कि कम से कम झूठी संवेदना ही प्रकट कर दे।

वही अंकित झा ने कहा कि स्वर्गीय राम सोहित  मंडल के पत्नी सोनी सोहित ने राम सोहित की मौत के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार मानते हुए के हाट थाने में पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश कुमार सिंह , रजिस्टार रविंद्र ओझा, डीएसडब्ल्यू पवन झा, प्रॉक्टर दिलीप कुमार झा और समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए जो  आवेदन दिया गया है। अगर प्राथमिकी दर्ज करने में पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी तरह की साजिश की जाती है तो छात्र जदयू इसके लिए उग्र आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे। इसीलिए छात्र जदयू जिला प्रशासन से मांग करता है कि स्वर्गीय राम सोहित मंडल के पत्नी सोनी सोहित के द्वारा दिए गए आवेदन को जल्द से जल्द संज्ञान में लेकर उन दोषियों पदाधिकारियों को अविलंब गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाए तभी स्वर्गीय राम सोहित मंडल की आत्मा को शांति व मोक्ष प्राप्त होगा। वही अंकित झा ने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मृतक के परिजनों के लिए जो  आदेश जारी कर ₹1,00,000( एक लाख)  की सहायता राशि की जो घोषणा की है यह मृतक के परिजनों के लिए बिल्कुल उचित नहीं है जबकि मृतक स्वर्गीय राम सोहित मंडल जी का विश्वविद्यालय प्रशासन के पास लगभग 25,00,000 ( 25 लाख) रुपए से अधिक वेतन बकाया है । इसलिए छात्र जदयू  पीयू प्रशासन से मांग करता  हैं कि मृतक के परिजनों को जल्द से जल्द सहायता राशि के रूप में अधिक से अधिक मुआवजा राशि और उनके परिजनों में से किसी एक व्यक्ति को स्थाई नौकरी प्रदान की जाए। और साथ ही  मृतक स्वर्गीय राम सोहित  मंडल सहित सभी कर्मचारियों का वेतन को जल्द से जल्द (यथाशीघ्र) भुगतान करें।
वही अंकित झा ने यही भी कहा कि 49 कर्मचारियों एवं शिक्षक संघ द्वारा लगातार हो रहे आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के ऊपर एवं पूर्णिया कॉलेज के छात्र सौरभ कुमार पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जो मुकदमा एवं एफ आई आर ( कई धाराएं )दर्ज करवाए गए हैं। वे सभी धाराएं व  मुकदमा कहीं से भी इन लोगों के ऊपर लगना बिल्कुल उचित नहीं है। यह मुकदमा पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा इन कर्मचारियों के ऊपर साजिश के तहत लगाया गया है। वही छात्र जदयू यह  मांग करता  हैं कि  वैसी सारी धाराएं व मुकदमा को पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द वापस ले लें ,नहीं तो छात्र जदयू इसके लिए पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।

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