कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच इससे निपटने की कोशिश जारी है। चंडीगढ़ में इस दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है। Coronavirus के प्रकोप को कम करने के लिए चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (CSIR-CSIO) ने खास इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइन्फेक्शन मशीन तैयार की है। इससे सार्वजनिक स्थानों पर भी छोटी से छोटी जगह को संक्रामक सूक्ष्मजीवियों से मुक्त किया जा सकेगा, खासकर Coronavirus को। इस मशीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि चार्ज पार्टिकल थ्योरी पर आधारित मशीन कोरोना वायरस को खत्म करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
हाल ही में मशीन का ट्रायल चंडीगढ़ स्थित CSIO कैंपस किया गया। यह ट्रायल सफल रहा। जानकारी के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST) अब इसी सप्ताह इसे नई दिल्ली में वैज्ञानिकों की टीम के सामने ट्रायल के लिए भेजेगा। सीएसआइओ को उम्मीद है कि यह मशीन मौजूदा स्थिति के लिए पूरी तरह उपयोगी साबित होगी।
छिड़काव करने वाली साधारण मशीनों के मुकाबले यह 80 फीसद अधिक प्रभावी है। सीनियर साइंटिस्ट डॉ. मनोज कुमार पटेल द्वारा तैयार इलेक्ट्रोस्टेटिक डिसइन्फेक्शन नामक इस मशीन की टेक्नोलॉजी को हाल ही में कर्नाटक की एक व्यावसायिक कंपनी को ट्रांसफर किया गया है, जो उत्पादन शुरू कर रही है।
डॉ. मनोज कुमार पटेल के अनुसार यह मशीन सार्वजनिक स्थानों बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, यहां तक कि घरों में भी प्रयोग की जा सकेगी। मशीन को जरूरत के हिसाब से छोटा या बड़ा बनाया जा सकता है। मशीन की कीमत 40 से 50 हजार रुपये होगी, लेकिन सरकार द्वारा अगर टेक्नोलॉजी को मंजूरी मिली तो यह मशीन 10 से 15 हजार तक में भी उपलब्ध हो जाएगी। सरकार से व्यापक उत्पादन की मंजूरी मिलते ही अगले कुछ दिनों में मशीन सस्ते दामों पर बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
डॉ. पटेल की अगुआई में सहायक वैज्ञानिक अनिल जांगड़ा और अक्की रेड्डी शिवराम की टीम ने इसे तैयार किया है। करीब दो साल से प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। डॉ. पटेल ने कहा कि हमने सफल तकनीकी उपलब्ध करा दी है, जिसे कोरोना वायरस की समस्या को देखते हुए भारत सरकार आवश्यकतानुरूप अपने स्तर पर तैयार करवा सकती है।
Coronavirus की रोकथाम के लिए अभी सरकार के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। खासतौर पर तकनीकी उपकरण की कमी है जो रोकथाम के कामों को तेजी से और कारगर तरीके से निपटा सकें। केंद्र सरकार के DST विभाग ने इस दिशा में काम कर रहे देश के सभी रिसर्च इंस्टीट्यूट्स से मदद मांगी है। Coronavirus को फैलने से रोकने में कारगर टेक्नोलॉजी के लिए सुझाव मांगे गए हैं। ताकि जल्द से जल्द इस पर काम शुरू हो सके। बेहतर डिवाइस के निर्माण में 50 फीसद से अधिक तक आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा।