नेपाल इन दिनों बड़े राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में लाखों युवा और छात्र Gen Z आंदोलन के तहत सड़कों पर हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस आंदोलन के केंद्र में बालेन शाह उभरे हैं, जिन्हें काठमांडू के मेयर और युवाओं में बेहद लोकप्रिय नेता के रूप में देखा जाता है.
टाइम मैगजीन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी बालेन को कवर किया. उनके सोशल मीडिया पोस्ट अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर बहस और ट्रेंडिंग का कारण बनते हैं. उनकी जीवन शैली, स्टाइल और विचार युवा पीढ़ी के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं. यही वजह है कि Gen Z आंदोलन में बालेन शाह का समर्थन इसे तेजी से गति और पहचान दे रहा है.
सिविल इंजीनियर के तौर पर शुरू किया करियर
बालेन शाह की यात्रा भी दिलचस्प रही. उन्होंने सिविल इंजीनियर के रूप में करियर शुरू किया, फिर रैपर बने और अंततः राजनीति में कदम रखा. काठमांडू के मेयर बनकर उन्होंने युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की और पारंपरिक दलों से मोहभंग के बीच नायक बन गए.
2023 में ‘आदिपुरुष’ के कुछ डायलॉग्स पर जताई आपत्ति
2023 में ‘आदिपुरुष’ फिल्म के कुछ डायलॉग्स पर आपत्ति जताकर उन्होंने दिखा दिया कि वे सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी आवाज उठाने वाले नेता हैं.
कैसे हुई Gen Z आंदोलन की शुरुआत?
Gen Z आंदोलन की शुरुआत नेपाल में राजनेताओं के बच्चों की ऐश और सरकार की सोशल मीडिया पाबंदियों के खिलाफ हुई. युवाओं ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू किया, लेकिन सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के दौरान 19 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. अकेले काठमांडू में 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई. बालेन शाह ने इस पूरे आंदोलन में युवाओं का विश्वास और समर्थन हासिल कर इसे अपना नेतृत्व दिया.