उपराष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद पहली बार सी.पी राधाकृष्ण सोमवार (22 सितंबर, 2025) को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के चुनिंदा भाषणों पर आधारिक चार पुस्तकों का विमोचन किया और उनकी अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की तारीफ की.
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत ने यह साबित कर दिया है कि हम दुनिया की बड़ी ताकत इसलिए बनना चाहते हैं, ताकि सबका भला कर सकें. हमारा मकसद किसी पर हुकूमत करना नहीं है. हम ताकतवर इसलिए बनना चाहते हैं, ताकि पूरी इंसानियत का भला हो और कोई भी अमीर देश गरीब देशों पर अपनी शर्तें न थोप सके.’
अमेरिका, रूस और चीन देश के प्रमुख पीएम मोदी के दोस्ता
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैक्स टैरिफ लगा दिया, फिर भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने एक भी बार नहीं कहा कि वे पीएम मोदी के खिलाफ हैं. पीएम मोदी के यूएस और रूसी राष्ट्रपति के साथ अच्छे संबंध हैं. वहीं सीमा विवाद के बाद भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी नरेंद्र मोदी और भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं. इसलिए वह किसी भी काम को संभव बना सकते हैं.
देश के नए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के इन भाषणों को पढ़कर आप मुद्दों के प्रति अपना दृष्टिकोण, विचारों की गहरी समझ रख सकते हैं कि एक महान नेता की ओर से जन भावनाओं को कैसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. पीएम मोदी का ये लक्ष्य है कि कल्याणकारी योजनाएं समाज के हर कोने तक पहुंचे. ये पुस्तक पीएम के योगदान और सपनों को समझने के लिए जरूरी है.
दो सेटों में इस साल के भाषण शामिल
बता दें कि पुस्तक विमोचन में चारों किताबें, ‘सबका साथ, सबका विकास’ प्रधानमंत्री के चुनिंदा भाषणों पर आधारित है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने बताया कि पहले सेट में जून 2022 से मई 2023 तक के भाषण और दूसरे सेट में जून 2023 से मई 2024 तक के भाषण शामिल हैं.